बीआईएस ने बायोडिग्रेडेबल खाद्य बर्तनों के लिए क्वालिटी स्टैंडर्ड जारी किए
नई दिल्ली/सूत्र: भारतीय मानक ब्यूरो यानी बीआईएस ने गुरुवार को कहा कि वह बायोडिग्रेडेबल खाद्य बर्तनों की बढ़ती मांग के बीच इनके लिए गुणवत्ता मानक लेकर आया है। मानक “IS 18267: 2023” बायोडिग्रेडेबल बर्तनों के उत्पादन के लिए कच्चे माल, विनिर्माण तकनीक, प्रदर्शन और स्वच्छता आवश्यकताओं सहित विभिन्न पहलुओं को शामिल करता है।
इन नियमों का करना होगा पालन
नए मानक के अनुसार प्लेट, कप, कटोरे और अन्य वस्तु बनाने के लिए पसंदीदा सामग्री के रूप में पत्तियों और भूसी जैसे कृषि उप-उत्पादों का उपयोग सुनिश्चित करना चाहिए। बीआईएस ने एक बयान में कहा कि मानक पौधों और पेड़ों के लिए उपयुक्त भागों की सिफारिश करता है और गर्म दबाव, ठंडा दबाने, मोल्डिंग और सिलाई जैसी विनिर्माण तकनीक प्रदान करता है।
नया मानक चिकनी सतहों और गैर-नुकीले किनारों पर जोर देता है। रसायनों, रेजिन और चिपकने वाले पदार्थों के उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। बीआईएस के अनुसार, मानक देश भर में गुणवत्ता आवश्यकताओं में एकरूपता बनाए रखने के लिए निर्माताओं और उपभोक्ताओं को व्यापक दिशानिर्देश प्रदान करता है।
दुनिया भर में डिस्पोजेबल टेबलवेयर का बढ़ता उपयोग डिस्पोजेबल टेबलवेयर के वैश्विक बाजार को बढ़ा रहा है। इसमें कहा गया है कि 2020 में डिस्पोजेबल प्लेटों का बाजार आकार 4.26 बिलियन अमेरिकी डॉलर अनुमानित था और 2028 तक 6.73 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है। भारत में कई बड़े पैमाने और एमएसएमई स्तर के निर्माता बायोडिग्रेडेबल कटलरी के उत्पादन में सक्रिय रूप से योगदान दे रहे हैं।
इन उत्पादों की मांग लगातार बढ़ रही है, जिससे इनके उत्पादन में शामिल निर्माताओं की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है। इस मानक के कार्यान्वयन के दूरगामी लाभ हैं क्योंकि ये बर्तन हानिकारक योजकों से मुक्त हैं, जिससे उपभोक्ता कल्याण सुनिश्चित होता है। इसमें कहा गया है कि मानक किसानों के लिए आर्थिक अवसर भी पैदा करता है और ग्रामीण विकास में योगदान करते हुए टिकाऊ कृषि प्रथाओं का समर्थन करता है।