नए साल की शुरूआत में हाथी दल ने दी जिले में दस्तक

गरियाबंद : नए साल के शुरूआत के साथ ही जिले में हाथी दल एक बार फिर दस्तक दी है। दस्तक के साथ ही, हाथी दल ने उत्पाद मचाना शुरू कर दिया है। दो दिनो में दल ने किसानो के फसल के साथ ही ग्रामीणो के घर और बाड़ी को भी नुकसान पहुचाया है। इसके चलते लोगो में दहशत का माहौल है। इधर वन अमला हाथी के दल आमद के साथ सतर्क हो गया है। वन अमले ने हाथी के दल के गतिविधि में पैनी नजर बनाई हुई है। वही आसपास के गांव में मुनियादी कर लोगो को भी सतर्क कर दिया है। 

वन विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक दो दिन से करीब 20 से 22 हाथी का दल दो दिन से जिले के परसुली और नवागढ़ परिक्षेत्र में विचरण कर रहा है। शनिवार रात को पड़ोसी राज्य ओडिशा से हाथी के दल ने गरियाबंद जिले के धवलपुर क्षेत्र में प्रवेश किया। रविवार सुबह हाथी के दल ने परसुली परिक्षेत्र के ग्राम डुमरबाहरा के जंगल में दस्तक दी। जिसके बाद दिनभर में आसपास के जंगल में विचरण करते रहे और रविवार रात हाथी का दल बिन्द्रानवागढ़ परिक्षेत्र की ओर बढ़ गया है। परसुली वन परिक्षेत्र अधिकारी एके भट्ट ने बताया कि हाथी के दल ने ग्राम हाट महुआ, कोदोपाली, दातबाय और लिटीपारा क्षेत्र में किसानो के फसल को नुकसान पहुचाया है। जिसका मुआवजा प्रकरण तैयार किया जा रहा है। 

इधर दूसरे दिन भी हाथी का दल दिनभर बिन्द्रानवागढ़ परिक्षेत्र में विचरण करता रहा है। यहां के परिक्षेत्र अधिकारी तुलाराम सिन्हा ने बताया कि सोमवार सुबह हाथी के दल पहली बार ग्राम दशपुर और सातधार के जंगलो में देखा गया। जिसके बाद से लगातार हाथी मित्र के सहयोग से हाथी के गतिविधि पर नजर बनाई हुई है। परिक्षेत्र अधिकारी ने बताया कि सोमवार को दल ने ग्राम चिखली में किसानो के घर और बाड़ी को रौंद दिया है। जिससे काफी नुकसान हुआ है। उन्होने बताया कि सातधार और दशपुर के जंगल क्षेत्र के बाद हाथी का दल दोपहर बाद से इसी क्षेत्र में जमा हुआ है। ऐतिहातन के तौर पर आसपास के गांव में मुनियादी करा दी गई है। 

उपवनमंडलाधिकारी मनोज चंद्राकर ने बताया कि हाथी के दल की दस्तक के साथ ही वन अमला सतर्क हो गया है। दल के गतिविधि पर पैनी नजर रखी गई है। विचरण कर रहे जंगल क्षेत्र से जुडे गांव में वन अमला के कर्मचारी तैनात कर दिए गए है। वही उसके आगे बढ़ने के संभावित क्षेत्र में भी वन अमला तैनात है। ताकि हर गतिविधि की जानकारी मिल सके।

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KR. MAHI

CHIEF EDITOR KAROBAR SANDESH

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