देश में बढ़ रही बेरोजगारी दर? अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन ने जारी की रिपोर्ट

नई दिल्ली/सूत्र: अंतर्राष्ट्रीय स्तर की संस्था और मानव विकास संस्थान ने संयुक्त रूप से भारत में बेरोजगारी दर को लेकर एक रिपोर्ट पेश की है। जिसके बाद ये मामला काफी गरमा गया. इस रिपोर्ट को भारत रोजगार रिपोर्ट 2024 नाम दिया गया है। जिसके मुताबिक भारत के युवा आज भी बेरोजगारी से जूझ रहे हैं। देश में बेरोजगार युवाओं की संख्या 83 फीसदी है, जो चिंता का विषय है।

अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन (ILO) और मानव विकास संस्थान (IHD) के सहयोग से जारी रिपोर्ट के अनुसार, अधिकांश बेरोजगार युवा शिक्षित हैं, जिन्हें नौकरी खोजने में कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है। बहुत से लोग कौशल की कमी के कारण नौकरी नहीं कर पाते हैं।

शिक्षित बेरोजगारों की संख्या दोगुनी

रिपोर्ट के अनुसार देश में साल 2000 से पढ़े लिखे बेरोजगारों की संख्या 35.2 प्रतिशत थी, जो अब दोगुनी हो चुकी है। वर्ष 2022 में पढ़े लिखे बेरोजगारों की संख्या बढ़कर 65.7 फीसदी तक पहुंच गई। इसके बाद ये आंकड़े अभी भी बढ़ते जा रहे हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, शिक्षित लोगों में वे लोग शामिल हैं जिन्होंने कम से कम 10वीं कक्षा तक पढ़ाई की है।

हुनर की कमी भी है वजह

बेरोजगारों की बढ़ती संख्या के पीछे का कारण युवाओं में कौशल की कमी भी है। अभी भी एक बड़ा वर्ग डिजिटल रूप से साक्षर नहीं है। कई लोगों को सामान्य जानकारी भी नहीं होती. जिसके कारण उन्हें बेरोजगारी का सामना करना पड़ रहा है।

आमदनी भी घटी

रिपोर्ट में यह भी खुलासा किया गया है कि साल 2019 के बाद सेल्फ-एंप्लॉयड और नियमित कर्मचारियों की आय में गिरावट आई है। न्यूनतम वेतन पाने वाले कैजुअल वर्कर जिनके पास कोई कौशल नहीं है, उन्हें साल 2022 में मजदूरी नहीं मिली। कोरोना काल में भी बेरोजगारी दर में तेज बढ़ोतरी हुई. कई लोगों की नौकरियां चली गईं. इस दौरान कम पढ़े-लिखे लोगों की तुलना में अधिक शिक्षित लोगों ने अपनी नौकरियाँ खो दीं।

जिन राज्यों में बेरोजगारी दर अधिक है उनमें ओडिशा, मध्य प्रदेश, बिहार, उत्तर प्रदेश, झारखंड, छत्तीसगढ़ जैसे राज्य शामिल हैं। जिसमें पिछले सालों से रोजगार के आंकड़ों में ज्यादा सुधार नहीं हुआ है। रिपोर्ट में कहा गया है कि क्षेत्रीय नीति के कारण इन राज्यों के लोगों को बेरोजगारी का सामना करना पड़ रहा है।

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KR. MAHI

CHIEF EDITOR KAROBAR SANDESH

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