डिजिटल भुगतान की तेजी के लिए साइबर सुरक्षा और ग्राहक संरक्षण जरूरी: RBI

मुंबई/सूत्र: आरबीआई ने मंगलवार 28 नवंबर को कहा कि कोरोना महामारी के कारण डिजिटल भुगतान को मिली गति को बनाए रखने के लिए साइबर सुरक्षा, ग्राहक सुरक्षा और किफायती लागत पर ध्यान देना जरूरी है।

RBI ने जारी किया स्टडी पेपर

केंद्रीय बैंक ने ‘भारत में नकद बनाम डिजिटल भुगतान लेनदेन’ पर जारी एक अध्ययन पत्र में कहा कि नकदी के महत्व के बावजूद, नकद लेनदेन में गिरावट आ रही है और भुगतान के डिजिटल तरीकों का तेजी से उपयोग किया जा रहा है। वैश्विक रुझानों के अनुरूप, भारत में भी महामारी के कारण मुद्रा की मांग अस्थायी रूप से बढ़ गई थी। इसके पीछे मुख्य कारण एहतियात के तौर पर कुछ नकदी अपने पास रखना था।

अध्ययन पत्र के अनुसार, महामारी के दौरान डिजिटल भुगतान की गति को बनाए रखने के लिए मांग (उपभोक्ताओं) और आपूर्ति पक्ष (व्यापारियों और बिचौलियों) से किफायती भुगतान विधियों और प्रासंगिक स्वीकृति बुनियादी ढांचे को स्थापित करने के प्रयासों की आवश्यकता है। इसके अलावा, यह सुनिश्चित करना भी महत्वपूर्ण है कि सभी के पास स्मार्टफोन और इंटरनेट कनेक्टिविटी जैसे सहायक घटकों तक पहुंच हो।

किन लोगों ने तैयार किया है अध्ययन पत्र

आरबीआई के आर्थिक एवं नीति अनुसंधान विभाग (डीईपीआर) से जुड़ी साक्षी अवस्थी, रेखा मिश्रा और शरत ढल ने यह अध्ययन पत्र तैयार किया है। इसमें कहा गया है कि वित्तीय समावेशन और वित्तीय साक्षरता को बढ़ावा देने के साथ-साथ साइबर सुरक्षा और ग्राहक सुरक्षा पर भी ध्यान देना होगा।

आर्थिक विकास पर डिजिटलीकरण का प्रभाव

अध्ययन पत्र के अनुसार, डिजिटल भुगतान के प्रति बढ़ते रुझान के बावजूद, लोगों की नकदी में लेनदेन और बचत करने की मजबूत प्रवृत्ति के कारण नकदी महत्वपूर्ण बनी हुई है। इसके अलावा, नकद सभी प्रकार के भुगतानों के लिए वास्तविक आधार के रूप में कार्य करता है। इसमें कहा गया है, “डिजिटलीकरण की सफलता सिर्फ नकदी की जगह लेने से कहीं अधिक है, इसका आर्थिक विकास, वित्तीय बाजारों के विकास, परिवारों के वित्तीय स्वास्थ्य और प्रभावी प्रशासन पर व्यापक प्रभाव है।”

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KR. MAHI

CHIEF EDITOR KAROBAR SANDESH

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