वाणिज्यिक कर मंत्री ने एनएमडीसी का मुख्यालय बस्तर लाने की रखी मांग

रायपुर : वाणिज्यिक कर मंत्री श्री टी.एस. सिंहदेव आज केन्द्रीय वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमन की अध्यक्षता में आयोजित विभिन्न राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के वित्त मंत्रियों के साथ बजट पूर्व चर्चा में शामिल हुए। श्री सिंहदेव ने वीडियो कॉन्फ्रेसिंग से आयोजित इस बैठक में आगामी वित्तीय वर्ष के लिए छत्तीसगढ़ की मांगों और सुझावों से केंद्र सरकार को अवगत कराया। मुख्यमंत्री और वित्त विभाग के भारसाधक मंत्री श्री भूपेश बघेल के असम प्रवास पर होने के कारण वाणिज्यिक कर मंत्री श्री सिंहदेव ने बैठक में राज्य का प्रतिनिधित्व किया। वीडियो कॉन्फ्रेंस में वित्त विभाग की सचिव श्रीमती अलरमेलमंगई डी. भी मौजूद थीं।

श्री सिंहदेव ने राज्य की ओर से आगामी वित्तीय वर्ष 2021-22 के केंद्रीय बजट में भारत सरकार द्वारा दी जाने वाली जीएसटी क्षतिपूर्ति की राशि 2022 के बाद भी जारी रखने, एनएमडीसी का मुख्यालय बस्तर लाने, नरवा, गरवा, घुरवा, बारी कार्यक्रम के केन्द्रीय योजनाओं से अभिसरण और सरप्लस धान से इथेनॉल उत्पादन की मंजूरी प्रदान करने की मांग रखी। उन्होंने केंद्र सरकार से 60 लाख मीट्रिक टन चावल उपार्जन की अनुमति देने, सामाजिक पेंशन योजनाओं की राशि में वृद्धि, खनिज रॉयल्टी की दर बढ़ाने तथा रायपुर में इंटरनेशनल कार्गो टर्मिनल शुरू करने की भी मांग की। उन्होंने साढ़े 22 हजार करोड़ रूपए से अधिक की लागत वाली बोधघाट सिंचाई परियोजना के लिए केन्द्रीय राशि का प्रावधान करने, खनिज रायल्टी और जीएसटी क्षतिपूर्ति की राशि जारी करने का भी आग्रह किया।

श्री सिंहदेव ने बैठक में कोविड टीकाकरण अभियान के लिए केंद्र सरकार के साथ-साथ देश के वैज्ञानिकों, डॉक्टरों, स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं और इस महामारी से मुकाबला करने वाले अग्रिम पंक्ति के सभी कार्यकर्ताओं का अभिनंदन करते हुए कहा कि राज्य और केंद्र सरकार की साझेदारी से ही आर्थिक विकास की नई ऊंचाईयों को हासिल किया जा सकता है। उन्होंने अगले केन्द्रीय बजट में वनाधिकार पट्टाधारी किसानों को भी प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना में शामिल करने और उन्हें सालाना छह हजार रूपए के स्थान पर 12 हजार रूपए देने, नरवा गरवा, घुरवा, बारी कार्यक्रम को मनरेगा, राष्ट्रीय पशुधन विकास कार्यक्रम, स्वच्छ भारत मिशन एवं राष्ट्रीय बागवानी मिशन जैसे केन्द्रीय योजनाओं से अभिसरण की सहमति, नक्सल क्षेत्रों में तैनात केन्द्रीय सुरक्षा बलों का खर्च केंद्र सरकार द्वारा वहन करने, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति वर्गों के कल्याण के लिए ज्यादा राशि उपलब्ध कराने, प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए नाबार्ड या अन्य वित्तीय संस्थाओं से कम ब्याज दर पर ऋण उपलब्ध कराने, प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के अंतर्गत उद्यमियों को ब्याज अनुदान देने, अंतरदेशीय परिवहन अनुदान देने, सर्वशिक्षा अभियान व राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान की राशि बढ़ाने तथा कोयला एवं लौह अयस्कों की रायल्टी की लंबित राशि जल्द जारी करने करने की मांग केन्द्रीय वित्त मंत्रालय से की।   

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KR. MAHI

CHIEF EDITOR KAROBAR SANDESH

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