सोशल मीडिया पर दूसरों को बेवकूफ बनाकर करोड़ों कमा रहे हैं फिनफ्लुएंसर, अब सेबी लगाम कसने की तैयारी में

नई दिल्ली/सूत्र: देश में बड़ी संख्या में युवा अब ट्रेडिंग की ओर जा रहे हैं. कोरोना महामारी के बाद इसमें काफी बढ़ोतरी हुई है। युवाओं की बढ़ती संख्या को देखते हुए सोशल मीडिया पर फाइनेंशियल इन्फ्लुएंसर या वित्तीय इन्फ्लुएंसर भी काफी सक्रिय हो गए हैं। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर वित्तीय सलाह देने वाले विशेषज्ञों की बाढ़ आ गई है।
इनमें से अधिकांश के पास कोई डिग्री भी नहीं है। अब एक नया ट्रेंड सामने आया है. इसमें कई फाइनेंस इंफ्लूएंसर खुद ट्रेडिंग में होने वाले नुकसान को कवर करने के लिए युवाओं को फ्यूचर और ऑप्शंस कोर्स बेचकर पैसा इकट्ठा कर रहे हैं। अब सेबी इन वित्तीय इन्फ्लुएंसर पर लगाम कसने की तैयारी कर रही है।
बाजार नियामक सेबी निवेशकों को सटीक और निष्पक्ष जानकारी उपलब्ध कराने के लिए वित्तीय इन्फ्लुएंसर पर अंकुश लगाने जा रहा है। वित्तीय प्रभावशाली लोग डिजिटल मीडिया, चैनल आदि के माध्यम से लोगों को निवेश के बारे में सलाह देते हैं। दरअसल, पता चला है कि ये कई वित्तीय इन्फ्लुएंसर सोशल मीडिया पर एक पोस्ट करने के लिए 7.5 लाख रुपये तक लेते हैं और अपनी राय से लोगों के वित्तीय निर्णयों को प्रभावित करते हैं।
हालांकि, अब इन्हें नियामक दायरे में आना होगा, क्योंकि भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) इनकी तेजी से बढ़ती संख्या पर नियंत्रण लगाने की तैयारी कर रहा है। विशेषज्ञों ने कहा कि सेबी का प्रस्तावित कदम यह सुनिश्चित करता है कि निवेशकों को सटीक और निष्पक्ष जानकारी मिले। इससे उन्हें धोखाधड़ी से बचाने में भी मदद मिलेगी।
प्रस्ताव के तहत, वित्तीय इन्फ्लुएंसर को सेबी के साथ खुद को पंजीकृत करना होगा और विशिष्ट दिशानिर्देशों का पालन करना होगा। इसके अलावा म्यूचुअल फंड और शेयर ब्रोकरों के साथ उनकी साझेदारी पर भी प्रतिबंध लगाने का प्रस्ताव है। सोशल मीडिया पर कई इन्फ्लुएंसर अच्छी जानकारी प्रदान करते हैं, लेकिन इस बात की चिंता बढ़ रही है कि कई अनियमित इन्फ्लुएंसर जोखिम बढ़ा सकते हैं और पक्षपातपूर्ण या भ्रामक सलाह दे सकते हैं।