क्रिप्टो पर बैन चाहता है आरबीआई: जानिए वित्त मंत्री ने क्या कहा?
नई दिल्ली : भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने सरकार से सिफारिश की है कि उसे क्रिप्टोकरेंसी के लिए नियम बनाने चाहिए और उन पर प्रतिबंध लगाना चाहिए। हालांकि, सरकार का मानना है कि क्रिप्टोकरेंसी की सीमाहीन प्रकृति को देखते हुए, किसी भी प्रभावी विनियमन या प्रतिबंध के लिए अंतर्राष्ट्रीय सहयोग की आवश्यकता होती है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 18 जुलाई को संसद में यह बात कही।
सीतारमण का यह बयान उन अटकलों के बीच आया है कि सरकार संसद के मानसून सत्र में क्रिप्टो क्षेत्र को विनियमित करने के लिए कानून पेश कर सकती है। हालांकि, ऐसा कोई बिल पेश करने के लिए सूचीबद्ध नहीं किया गया है। सरकार ने अभी तक क्रिप्टो को सार्वजनिक नहीं किया है। उनके वर्गीकरण को लेकर भी भ्रम है कि क्या वे वित्तीय संपत्ति हैं या वस्तुओं जैसी किसी अन्य श्रेणी के अंतर्गत आते हैं।
इस साल फरवरी में बजट के दौरान क्रिप्टोकरेंसी पर टीडीएस और 30% टैक्स की घोषणा की गई थी। जुलाई से इसे लागू कर दिया गया है। अगर क्रिप्टोकरंसी के लिए किया गया ट्रांजैक्शन एक साल में 10,000 रुपये से ज्यादा हो जाता है तो उस पर 1% चार्ज लगेगा। यह जानकारी आयकर विभाग ने वर्चुअल डिजिटल एसेट्स (वीडीए) के लिए टीडीएस प्रकटीकरण मानदंडों की अधिसूचना में दी।
एक तरफ जहां क्रिप्टो पर कानून का इंतजार है, वहीं दूसरी तरफ आरबीआई अपनी डिजिटल करेंसी पर काम कर रहा है। डिजिटल करेंसी को इसी साल पेश किए जाने की उम्मीद है। RBI के डिप्टी गवर्नर टी रबी शंकर के अनुसार, सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) निजी क्रिप्टोकरेंसी के अस्तित्व के कारणों को समाप्त कर सकती है। डिजिटल करेंसी भी ब्लॉक चेन टेक्नोलॉजी पर आधारित होगी।