पढ़ें : वकील सुदीप मंडल और टमाटर की खेती
पंकजकुमार/कांकेर : ये कहानी हैं वकील सुदीप मंडल की, सुदीप पढ़े लिखे युवाओं के लिए एक मिसाल है। आज उच्च शिक्षित युवा खेती को छोड़ शहर भाग रहें हैं, वही सुदीप मंडल जैसे उच्च शिक्षित पेशे से वकील खेती की तरफ लौट रहें हैं। लॉकडाउन के दौरान सुदीप मंडल ने टमाटर की खेती कर करीब 3 लाख रुपये कमाए। टमाटर के साथ ही बैगन, करेला, ककड़ी, खीरा और कई तरह की सब्जियां भी लगाई हैं। जिसकी फसल भी अब मिलने वाली है।
सुदीप मंडल के पास खुद की खेती जमीन नहीं हैं। वे किराए पर लेकर खेती करते हैं। किसान परिवार में पले-बढ़े सुदीप कांकेर जिला मुख्यालय से 15 किलोमीटर दूर स्थित ब्यासकोंगेरा गांव के रहने वाले हैं। कोरोना और उसके बाद लगे लॉकडाउन में कोर्ट बंद हो गए। वकालत बंद होने के बाद सुदीप ने 3 एकड़ जमीन किराये पर ली और टमाटर की खेती शुरू की। पहले टमाटर की नर्सरी तैयार की और फिर उसे खेत में शिफ्ट किया। अनलॉक की स्थिति आते तक टमाटर की फसल तैयार हो गई। इस बार टमाटर के रेट भी उसे अच्छे मिले। लाखों रुपेय के सिर्फ टमाटर की बिक्री कर सुदीप मंडल सफल किसान बन कर उभरे हैं।
अब हालात यह है कि आस-पास के लोग सुदीप के पास आकर उनसे खेती की जानकारी लेते हैं। सुदीप मंडल ने कारोबर संदेश को बताया कि टमाटर बेच कर करीब 3 लाख रुपये कमाए हैं। उनका खुद का खेत नहीं पर किराए से खेत लेकर खेती करते हैं। पहले वकालत के साथ कभी-कभी खेती के काम में हाथ बंटाते थे। लेकिन अब उनका पूरा ध्यान खेती पर है। हालांकि अब भी वे वकालत करते हैं। सुदीप गांव वालों को भी विकसित खेती के बारे में जानकारी देते हैं। व आसपास के गांव वालों को ज्यादा से ज्यादा व्यावसायिक खेती करने की सलाह भी देते हैं।