घर के किचन से निकला करोड़ों का आइडिया, 1 साल में कमाए 250 करोड़

रायपुर: आजकल लोग प्राकृतिक खाद्य पदार्थों को लेकर काफी जागरूक हो गए हैं। इसी वजह से लोग ऑर्गेनिक खाद्य पदार्थों की बहुत तलाश करते हैं। इसका असर कोल्ड ड्रिंक्स बाजार पर भी दिख रहा है। मार्केट में लाहौरी ज़ीरा ने लोगों को कोका-कोला और पेप्सी जैसे ड्रिंक्स का विकल्प देकर सफलता की कहानी लिखी। ऐसे में हम आपको लाहौरी जीरा की सफलता की कहानी बताने जा रहे हैं। आखिर कैसे घर की रसोई का स्वाद लोगों की पसंद बन गया और कंपनी करोड़ों की हो गई।
बाजार में मिलने वाले कोल्ड ड्रिंक्स में आमतौर पर केमिकल मिलाए जाते हैं। लेकिन, रसायनों की अनुपस्थिति लाहौरी जीरे को लोकप्रिय बनाती है। इसका प्राथमिक घटक सेंधा नमक है। लाहौरी जीरा घर में उपलब्ध चीजों से बनाया जाता है. इसीलिए लोग बाज़ार में पहले से उपलब्ध लोकप्रिय पेय पदार्थों की तुलना में इसे पीना अधिक पसंद करते हैं। क्योंकि, ये भी एक हेल्दी विकल्प है।
कैसे हुई लाहौरी ज़ीरा की शुरुआत?
लाहौरी जीरे की उत्पत्ति ऐसे हुई कि सुनकर शायद आपको यकीन न हो। तीन चचेरे भाई बैठे थे, घर की रसोई में गए और बन गया लाहौरी ज़ीरा, मज़ाक नहीं कर रहे हैं, ऐसे हुई लाहौरी ज़ीरा ड्रिंक की शुरुआत, सौरभ मुंजाल ने अपने दो चचेरे भाई सौरभ भूतना और निखिल डोडा के साथ मिलकर लाहौरी ज़ीरा ड्रिंक की शुरुआत की, आर्चियन फूड्स की शुरुआत भारत में अच्छे स्वाद वाले देसी ड्रिंक्स बनाने की नीयत से की गई थी। कंपनी ने ग्रामीण और शहरी दोनों बाज़ारों को ही टारगेट किया। इस उत्पाद को बनाने वाली कंपनी आर्चियन फूड्स (Archian foods) की स्थापना 2017 में हुई थी। यह कंपनी लाहौरी जीरा के अलावा लाहौरी नींबू, लाहौरी कच्चा आम, लाहौरी शिकंजी का भी उत्पादन करती है।
लाहौरी नाम के पीछे है एक खास वजह
एक पब्लिकेशन से बात करते हुए कंपनी के सीईओ सौरभ मुंजाल ने कहा था कि उनकी कंपनी के उत्पाद भारतीय रसोई और स्ट्रीट फूड से बने हैं। इसलिए कंपनी के ड्रिंक्स के नाम भी पारंपरिक रखे गए हैं। उत्पादों का मुख्य घटक भी सेंधा नमक या लाहौरी है। आपको बता दें कि लाहौरी जीरा पंजाब, हरियाणा, दिल्ली और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में काफी पसंद किया जाता है।
कितना है कंपनी का टर्नओवर?
लाहौरी जीरा पंजाब के रूपनगर में बनाया जाता है। शुरुआत में कंपनी प्रतिदिन 96,000 बोतलों का उत्पादन करती थी। बाद में 2022 तक ये आंकड़ा बढ़कर 12,00,000 हो गया। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अब कंपनी रोजाना 20,00,000 बोतलों का उत्पादन करती है। जहां तक टर्नओवर की बात है तो वित्त वर्ष 2021 में कंपनी का टर्नओवर 80 करोड़ रुपये था। वहीं, वित्त वर्ष 22 में यह बढ़कर 250 करोड़ रुपये हो गया था।