T+1 सेटलमेंट के प्रस्ताव पर स्टॉक ब्रोकर्स एसोसिएशन ने जतायी चिंता

रायपुर : स्टॉक ब्रोकर्स एसोसिएशन ने कहा है कि टी+1 सेटलमेंट सिस्टम में शिफ्ट करने से भारत एक प्री-फंडिंग मार्केट बन जाएगा और ग्लोबल इंस्टीच्यूशन इन्वेस्टर्स को इस ढांचे के साथ कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा। वर्तमान में घरेलू स्टॉक एक्सचेंज पर ट्रेड ट्रांजैक्शन के दो दिन बाद सेटल होते हैं। यह घटनाक्रम उन रिपोर्ट्स के बाद सामने आया है, जिनमें कहा गया है कि सेबी ने सिक्योरिटी मार्केट में सेटलमेंट साइकिल को T+2 से T+1 करने के लिए एक एक्सपर्ट पैनल का गठन किया है। ट्रांजैक्शन साइकिल में बदलाव का उद्देश्य मार्केट में लिक्विडिटी को बढ़ाना है।

सेबी ने पिछले वर्ष स्टॉक एक्सचेंज को धीरे-धीरे कैपिटल मार्केट में रीयल टाइम सेटलमेंट की ओर बढ़ने का प्रस्ताव दिया था। एसोसिएशन ऑफ नेशनल एक्सचेंज मेंबर्स ऑफ इंडिया (Anmi) ने 28 अगस्त के अपने पत्र में सेबी को लिखा था कि देश के 900 से अधिक स्टॉक ब्रोकर्स के एक संगठन ने T+1 सेटलमेंट सिस्टम को लागू किए जाने को लेकर चिंता जाहिर की है।

संगठन का कहना है कि नए सिस्टम को लागू किए जाने से ब्रोकर्स की वर्किंग कैपिटल (कार्यशील पूंजी) से जुड़ी जरूरत बढ़ जाएगी। इसके साथ बैंकों और डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट्स (DPs) का काम बढ़ जाएगा ब्रोकर्स एसोसिएशन ने कहा है कि नए सेटलमेंट सिस्टम को लागू किए जाने से पहले कई तरह के ऑपरेशनल और टेक्निकल चुनौतियों से पार पाना होगा। इसकी वजह यह है कि मार्केट इन्फ्रास्ट्रक्चर इंस्टीच्युशन्स के पास उपलब्ध इन्फ्रास्ट्रक्चर समय पर पे-इन और पे-आउट के साथ-साथ फाइल को समय पर भेजने में सक्षम नहीं है।

इन चुनौतियों को और स्पष्ट करते हुए एसोसिएशन ऑफ नेशनल एक्सचेंज मेंबर्स ऑफ इंडिया ने कहा, ”जब भी एक से अधिक सेटलमेंट होता है तो दूसरे सेटलमेंट के पे-इन या पे-आउट में देरी होती है। कई बार डिपॉजिटरी स्तर पर कई बार क्लियरिंग कॉरपोरेशन के स्तर पर देरी नोटिस की गई है।”ब्रोकर्स एसोसिएशन ने कहा है, ”T+1 सेटलमेंट पर शिफ्ट होने से भारत एक प्री-फंडिंग मार्केट हो जाएगा और दुनियाभर के संस्थागत निवेशकों को इस स्ट्रक्चर में कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ेगा।

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KR. MAHI

CHIEF EDITOR KAROBAR SANDESH

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