फर्जी जीएसटी रजिस्ट्रेशन और इनपुट टैक्स क्रेडिट क्लेम पर पूरी तरह रोक लगाने की तैयारी

नई दिल्ली/सूत्र : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जीएसटी पंजीकरण और इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) में धोखाधड़ी को रोकने के लिए प्रौद्योगिकी का उपयोग बढ़ाने का निर्देश दिया है। शुक्रवार को उन्होंने इस मामले में राजस्व सचिव संजय मल्होत्रा और केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीआईसी) के चेयरमैन विवेक जौहरी के साथ बैठक की।

फर्जीवाड़े के खिलाफ सीबीआईसी चला रहा अभियान

सीबीआईसी की ओर से इन दिनों जीएसटी रजिस्ट्रेशन और इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) के मामले में चल रहे फर्जीवाड़े को पूरी तरह खत्म करने के लिए अभियान चलाया जा रहा है. सीतारमण ने इस अभियान की पूरी समीक्षा की। वित्त मंत्री को बताया गया कि अभियान के तहत 11,140 पंजीकरण फर्जी पाए गए हैं और उनके खिलाफ कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।

फ़ाइल फोटो

जौहरी के मुताबिक, 16 मई से एक विशेष अभियान शुरू किया गया है, जिसके तहत अब तक 15,000 करोड़ रुपये के फर्जी आईटीसी दावों का पता चला है। जौहरी ने शुक्रवार को औद्योगिक संगठन सीआईआई के एक कार्यक्रम में बताया कि आईटीसी में धोखाधड़ी रोकने के लिए विशेष अभियान के तहत जांच के लिए 60,000 फर्मों की पहचान की गई है। इस साल जुलाई के मध्य तक चलने वाले इस अभियान के तहत अब तक 43,000 फर्मों की भौतिक जांच की जा चुकी है।

सरकार के साथ धोखाधड़ी करने वाले रैकेट का पर्दाफाश

सीबीआईसी के मुताबिक 11 जुलाई को प्रस्तावित जीएसटी काउंसिल की बैठक में आईटीसी के फर्जी दावों के मामले पर भी चर्चा संभव है ताकि इसे रोकने के लिए ठोस कदम उठाए जा सकें. सीबीआईसी के अनुसार, हाल ही में जीएसटी रजिस्ट्रेशन इंटेलिजेंस महानिदेशालय की गुरुग्राम इकाई ने 461 शेल कंपनियों से जुड़े एक बड़े रैकेट का भंडाफोड़ किया है, जिसके तहत सरकार से 863 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की गई थी।

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इस मामले में अब तक दो लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है. ये कंपनियां बिना उत्पादन किए धोखाधड़ी से आईटीसी का दावा कर रही थीं। दरअसल ये कंपनियां रजिस्टर्ड होती हैं लेकिन इनका पूरा दस्तावेज फर्जी होता है। सीबीआईसी के मुताबिक, पिछले वित्त वर्ष 2022-23 में जीएसटी के तहत 30,000 फर्मों की जांच की गई, जिसके तहत 17,000 करोड़ रुपये की कर चोरी पाई गई। उनसे यह राशि वसूली जा रही है।

फर्म के सही पते पर नहीं होने पर पंजीयन निरस्त किया जा रहा है

सीबीआईसी के मुताबिक जांच के दौरान अगर फर्म पंजीकरण में दिए गए पते पर नहीं पाई जाती है तो उनका पंजीकरण रद्द किया जा रहा है और उनका आईटीसी दावा भी रद्द किया जा सकता है। विभाग ऐसा सिस्टम विकसित करने में जुटा है, जिससे फर्जी दावों का तुरंत पता चल सके और वास्तविक दावेदारों को समय पर भुगतान मिल सके।

कार्गो को रिलीज करने के समय को कम करने में जुटा सीबीआईसी

सीबीआईसी के चेयरमैन ने कहा कि सीबीआईसी कार्गो रिलीज करने में लगने वाले समय को कम करने के लिए लगातार प्रयास कर रहा है। वर्ष 2047 तक सभी प्रक्रियाओं के बाद मात्र एक घंटे में रिलीज लक्ष्य रखा गया है। सीबीआईसी की रिपोर्ट के अनुसार, वर्तमान में समुद्री मार्ग से आने वाले कार्गो के रिलीज का औसत समय 85 घंटे 42 मिनट है। वहीं, एयर कार्गो के रिलीज में लगने वाला औसत समय अब भी 31 घंटे से ज्यादा है।

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KR. MAHI

CHIEF EDITOR KAROBAR SANDESH

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