नरवा, गरवा, घुरवा, बाड़ी माडल के सफल क्रियान्वयन से खुले समृद्धि के द्वार

गांवों में आजीविका गतिविधि और रोजगार के अवसर बढ़े

गरियाबंद : आदिवासी विकासखण्ड मैनपुर अंतर्गत ग्राम पंचायत बोईरगांव के आश्रित ग्राम बेहराडीह में बदलाव की बयार बह रही है। विशेष पिछड़ी जनजाति कमार बाहुल्य इस ग्राम की आबादी मात्र 374 है। सालभर पहले इस ग्राम में पूरा परिवार जंगल और रोजी मजदूरी पर ही आश्रित था। कंदमूल, हर्रा, बेहड़ा, महुआ इकठ्ठा करना इनकी प्रमुख गतिविधियां थी। पड़त जमीन पर किसी साल मक्का का बीज बो दिए, तो किसी साल पड़त ही रह जाती थी। यहां के लोगों और जनप्रतिधियों द्वारा गांव को इस स्थिति से उबारने के प्रयास भी किये गये, लेकिन सफलता नहीं मिली। इस दौरान मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल द्वारा काम-काज सम्हालते ही ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने वाली योजना नरवा, गरवा, घुरूवा, बाड़ी प्रारंभ की गई। इस योजना को आधार मानकर जिला प्रशासन ने भी विकास के ऐसे एकीकृत और समन्वित माॅडल अपनाया कि आज गांव में हरियाली, समृद्धि और स्वावलंबन साफ दिखाई दे रहा है।

विकास के लिए नरवा, गरवा, घुरूवा, बाड़ी योजना कारगर

ग्राम बेहराडीह के समन्वित विकास के लिए जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री विनय लंगेह एवं जनपद पंचायत मैनपुर के सीईओ श्री नरसिंह ध्रुव ने इस गांव की तस्वीर बदलने की योजना बनाई। घर-घर सर्वे किया गया, लोगों को समझाईश दी गई और बैठके ली गई। उपलब्ध संसाधन, लोगों की जरूरत को ध्यान में रखते हुए विकास की रूपरेखा तैयार की गई। सबसे पहले प्रत्येक परिवारों को आयजनित गतिविधियों से जोडने, भूमि का सुधार करने, जल स्त्रोत बढ़ाने और  वृक्षारोपरण को प्राथमिकता दी गई। इन कार्यो के लिए कृषि, उद्यानिकी, मनरेगा, मछलीपालन, पशुपालन, बिहान आदि विभागों से अभिसरण के माध्यम से तालाब, डबरी, कुआं निर्माण, वृक्षारोपण, बाड़ी विकास, मशरूम, लाख, मक्का, उड़द, मछली पालन जैसे कार्य स्वीकृत किये गये। स्वीकृति पश्चात सामान्तर रूप से कार्य प्रारंभ किया गया। प्रशासनिक अधिकारियों के लगातार भ्रमण, निगरानी तथा मार्गदर्शन से विकास की नींव रखी गई। एक साल के भीतर ही गांव की तस्वीर और लोगों की जिंदगी में बदलाव नजर आने लगे।

जल संरक्षण, भूमिसुधार, आयजनित गतिविधि से स्वालम्बन की राह

गांव में हरियाली को बढ़ावा देने मनरेगा अंतर्गत चैहद्दी एवं सड़कों के किनारे लगभग  1600 फलदार पौधों का रोपण किया गया है, जिसमें आम, कटहल, जामुन, सीताफल, अमरूद, नारियल, नीम, आंवला जैसे फलदार पौधे शामिल है। गांव के लगभग 55 एकड अनुपयोगी जमीन को भूमिसुधार कर खेती योग्य बनाया गया, जल स्त्रोतों को बढ़ाने ग्राम में कुल 17 कूप एवं 2-2 तालाब एवं डबरी निर्माण किया गया। इनमें 6 कूप खनन पूर्ण हो चुका है, इसका उपयोग हितग्राहियों द्वारा बाडी विकास एवं द्विफसलीय उत्पादन में सिंचाई का उपयोग किया जा रहा है। तालाब में स्वसहायता समूहों एवं किसान द्वारा 40 किलोग्र्राम मछली बीज डाला गया है। जिसमें सही देख-रेख करने पर न्यूनतम 100 क्विटंल मछली उत्पादन से लगभग 12 लाख रूपये आय प्राप्त होने की संभावना है। तालाब के मेड़ो को भी वृक्षारोपण एवं सब्जी उत्पादन के लिए उपयोग किया गया। भूमि समतीकरण के माध्यम से निर्मित 35 एकड़ खेत के मेड़ में लौकी, कुमड़ा, दोडका, तोरई, भिन्डी, बरबटी, कोचई, जिमी कंद, रखिया एवं हल्दी फसलों का रोपण किया गया। गांव की शांति एवं तुलसी स्व.सहायता समूह द्वारा उत्पादन उपरांत सब्जी का विक्रय किया जा रहा है, जिसमें लगभग 45 हजार रूपये मुनाफा कमा चुकी है, अभी 35 हजार रूपये अतिरिक्त आमदनी प्राप्त होने की उम्मीद है।

गौठानों और खेती से आय का स्त्रोत बढ़ा

ग्राम बेहराडीह में मनरेगा अंतर्गत गौठान निर्माण कराया गया है, जिसमें 04 वर्मी टैंक में वर्मी खाद निर्माण महिला स्व सहायता समूह द्वारा किया जा रहा है। साथ ही 04 हितग्राहियों को पशुशेड दिया गया है, जिसका उपयोग पशुओ को रखने के लिए किया जा रहा है। गौठान में खरीदे गये गोबर से वर्मी निर्माण का कार्य किया जा रहा हैै। जिसमें अभी तक 1 क्विटंल 10 कि.ग्रा वर्मी तैयार कर लिया गया है। ग्राम में कृषि विभाग द्वारा भूमिसुधार किये गये भूमि में हितग्राहियों को 5.44 क्विटंल मक्का बीज वितरण किया गया है, जिसमें 1 हजार 20 क्विटंल मक्का का उत्पादन किया गया है। वहीं 10 एकड़ में उडद की खेती हेतु 80 किलो उडद हितग्राहियों को वितरण किया गया है, और लगभग 10 क्विटंल उडद का उत्पादन किया गया है।

जंगलों से भी आमदनी सुनिश्चित हुई

योजना के लागू होने से पहली बार समूह द्वारा 20 कुसुम पौधों का चयन कर लाख उत्पादन हेतु पहल किया गया है। जिसमें 110 कि.ग्रा लाख बीज 20 पौधों में लगाया गया है। जिससे आगामी 03 माह में एक लाख दस हजार रूपये विक्रय कर आमदनी प्राप्त होने की संभावना है। आगामी वर्ष 2021-22 में शेष 60 कुसुम पौधों में लाख बीज का विस्तार कर उत्पादन बढाये जाने की कार्ययोजना बनाई गई है।

जिला पंचायत सीईओ श्री लंगेह ने बताया कि ग्राम बेहराडीह में  निवासरत् विशेष पिछडी कमार जनजाति के लोगो के जीवन मे बदलाव लाने नरवा, गरवा, घुरूवा, बाड़ी सार्थक सिद्ध हो रहा है। इस योजना की अवधारणा से ग्राम विकास की एक अद्वितीय माॅडल उभरकर सामने आया है। ग्राम पंचायत बेहराडीह के सरपंच श्री सहदेव साण्डे, उपसरपंच श्रीमती पीला बाई एवं स्थानीय लोगों ने बेहराडीह में आए बदलाव के लिए शासन को धन्यवाद ज्ञापित किया है।

Show More

KR. MAHI

CHIEF EDITOR KAROBAR SANDESH

Related Articles

Back to top button
Translate »