अपंजीकृत व्यक्ति रद्द अनुबंधों के लिए कर सकते है: GST Refund का दावा
नई दिल्ली/सूत्र: वित्त मंत्रालय ने कहा है कि अपंजीकृत व्यक्ति रद्द किए गए अनुबंधों या बीमा पॉलिसियों की समय से पहले समाप्ति पर जीएसटी रिफंड का दावा कर सकते हैं। हालांकि इसके लिए उन्हें जीएसटी पोर्टल के जरिए अस्थाई तौर पर पंजीकरण कराना होगा। जीएसटी पोर्टल पर गैर-पंजीकृत व्यक्तियों के लिए ‘रिफंड’ की एक नई सुविधा शुरू की गई है। अपंजीकृत व्यक्ति जो जीएसटी रिफंड चाहते हैं, उन्हें पोर्टल पर अपने पैन का उपयोग करके अनंतिम पंजीकरण प्राप्त करना होगा।
केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (CBIC) ने एक परिपत्र में कहा कि उसे अपंजीकृत खरीदारों/सेवा प्राप्तकर्ताओं से टैक्स रिफंड दावों की सुविधा के लिए अभ्यावेदन प्राप्त हुए थे। अभ्यावेदन में कहा गया कि उन्हें फ्लैट/भवन निर्माण से संबंधित सेवाओं की आपूर्ति से संबंधित अनुबंधों/करारों या दीर्घावधि बीमा पॉलिसियों को रद्द करने पर भुगतान किए गए कर की वापसी की सुविधा मिलनी चाहिए।
सीबीआईसी ने कहा, ‘ऐसे अपंजीकृत व्यक्तियों को रिफंड के लिए आवेदन करने की सुविधा के लिए कॉमन पोर्टल पर एक नई प्रणाली शुरू की गई है। जीएसटी परिषद ने 17 दिसंबर को हुई अपनी बैठक में अपंजीकृत खरीदारों के मामले में आवेदन दाखिल करने की प्रक्रिया पर एक परिपत्र जारी कर जीएसटी नियमों में संशोधन की सिफारिश की थी। अब तक अपंजीकृत खरीदारों के लिए उन मामलों में कर की वापसी का दावा करने का कोई प्रावधान नहीं था, जहां फ्लैट/मकान या दीर्घकालिक बीमा पॉलिसी जैसी सेवाओं की आपूर्ति के लिए अनुबंध/करार रद्द कर दिया गया हो।
सीबीआईसी ने कर अधिकारियों से 2017-18 और 2018-19 के जीएसटी ऑडिट के दौरान आईटीसी दावों में विसंगतियों का पता लगाने के लिए चालान के विवरण को सत्यापित करने के लिए कहा है। वास्तव में, कर अधिकारियों द्वारा 2017-18 और 2018-19 के जीएसटी ऑडिट के दौरान बाहरी आपूर्ति और इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) दावों के विवरण में भारी विसंगतियां पाई गईं, जिसके बाद करदाताओं को कारण बताओ नोटिस जारी किए गए थे।