जानिए: साल में कितनी बार चेक करना चाहिए बैंक स्टेटमेंट
रायपुर : बैंक स्टेटमेंट एक निश्चित अवधि के दौरान आपके बैंक खाते में हुए लेन-देन का एक रिकॉर्ड है। यह प्रामाणिक दस्तावेज है, जो आपको एक विशेष अवधि के लिए आपके बैंक खाते का विवरण देता है। इसमें लेन-देन का संक्षिप्त विवरण होता है। विवरण में जमा, शुल्क, निकासी और अवधि की शुरुआत और अंत शेष राशि का विवरण होता है। अब सवाल उठता है कि बैंक खाताधारक को साल में कितनी बार अपने खाते का स्टेटमेंट चेक करना चाहिए? नियमित अंतराल पर स्टेटमेंट चेक करने के क्या फायदे हैं? ग्राहक के लिए क्या नुकसान हैं यदि वह बैंक स्टेटमेंट की जांच करने में उपेक्षा करता है?
हैरानी की बात यह है कि ज्यादातर बैंक ग्राहकों को यह नहीं पता होता है कि उन्हें किस अंतराल पर अपना अकाउंट स्टेटमेंट चेक करना चाहिए। आमतौर पर ग्राहक बैंक स्टेटमेंट तभी चेक करते हैं, जब उन्हें कहीं देना होता है। आजकल कई बैंक नियमित अंतराल पर बैंक खाते का सारांश ई-मेल करते हैं। लेकिन, ज्यादातर लोगों को यह नजर नहीं आता। बैंकिंग सेक्टर के जानकारों का कहना है कि ग्राहकों को हर महीने अपना अकाउंट स्टेटमेंट चेक करना चाहिए। हर महीने बैंक स्टेटमेंट चेक करने से जहां ग्राहक के साथ किसी भी तरह की धोखाधड़ी का पता जल्द चलेगा, वहीं दूसरी तरफ अगर बैंक ने ज्यादा चार्ज काटा है तो यह भी पता चल जाएगा।
हर महीने स्टेटमेंट चेक करने के फायदे – बैंक अकाउंट हैक होना अब एक आम बात हो गई है. बैंक स्टेटमेंट एक महत्वपूर्ण दस्तावेज है, जिसे धोखाधड़ी के सबूत के तौर पर इस्तेमाल किया जा सकता है। बैंक स्टेटमेंट चेक करके आप आसानी से धोखाधड़ी वाले लेनदेन का पता लगा सकते हैं। नियमित रूप से बैंक स्टेटमेंट चेक करके आप पता लगा सकते हैं कि आपका पैसा कहां से आ रहा है और कहां जा रहा है।
यह प्रत्येक लेन-देन पर नज़र रखने में मदद करता है। अगर आप बेवजह ज्यादा पैसा खर्च कर रहे हैं तो इसका पता बैंक स्टेटमेंट से चलेगा। उदाहरण के लिए, आप अपने बैंक स्टेटमेंट पर रेस्तरां बिल, ऑनलाइन शॉपिंग आदि जैसे खर्चों को आसानी से इंगित कर सकते हैं और इस तरह आप अपने खर्चों में कटौती कर सकते हैं।