आशा एवं स्माईल योजना अंतर्गत आवेदन आमंत्रित

कांकेर : राष्ट्रीय अनुसूचित जाति एवं पिछड़ा वर्ग वित्त एवं विकास निगम की योजनाओं में लक्षित वर्ग के ऐसे परिवार जिनके मुखिया के मृत्यु कोरोना से होने के कारण जीवन यापन करने में कठिनाईओं का सामना करना पड़ रहा है, उन्हें आर्थिक सहायत प्रदान करने के लिए सरकार द्वारा अनुसूचित जाति वर्ग के लिए ’’आशा’’  “ASHA”  एवं पिछड़ा वर्ग के लिए ’’स्माईल’’  “SMILE” योजना प्रारंभ किया गया है। उक्त योजना अंतर्गत व्यवसाय प्रारंभ करने के लिए 06 प्रतिशत ब्याज दर पर अधिक 05 लाख रूपये कर ऋण दिया जायेगा, जिसमें 20 प्रतिशत पूजीगत अनुदान भी शामिल है।

जिला अंत्यावसायी सहकारी विकास समिति के कार्यपालन अधिकारी ने बताया कि इस योजना का लाभ लेने के लिए आवेदक को  संबंधित जाति वर्ग का होना चाहिए साथ ही उसे दाखिल जिले का मूल निवासी, पारिवारिक वार्षिक आय शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्र में 03 लाख रूपये से अधिक नहीं होना चाहिए, आय प्रमाण पत्र राजस्व अधिकारी द्वारा जारी किया गया मान्य होगा। आवेदक की उम्र 18 से 50 वर्ष के मध्य होना चाहिए। जन्म तिथि दर्शित कक्षा 5वीं, 8वीं अथवा 10वीं की अंकसूची के अलावा आधार कार्ड, राशन कार्ड एवं मतदाता परिचय पत्र व दो पासपोर्ट साईज की फोटो भी प्रस्तुत करना होगा। मृतक का मृत्यु प्रमाण पत्र अनिवार्य है।

आवेदक कृषक या शासकीय कर्मचारी का जमानतदार देने में सक्षम हो और उसका जीवन बीमा होना अनिवार्य है। उक्त पात्रता एवं शर्तो का पालन करने वाले आवेदक अपना आवेदन पत्र जिला अंत्यावसायी सहकारी विकास समिति कांकेर में 25 जून 2021 तक कार्यालयीन समय में प्रस्तुत कर सकते है, इस संबंध में अधिक जानकारी के लिए संबंधित कार्यालय से संपर्क किया जा सकता है।

बलौदाबाजार : जिला अंत्यावसायी सहकारी विकास समिति द्वारा ऐसे परिवार जिन्होने कोविड-19 महामारी से परिवार के मुखिया की मृत्यु होने के कारण जीवनयापन हेतु कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है। उनको आर्थिक सहायता प्रदान करने हेतु राष्ट्रीय अनुसूचित जाति एवं पिछड़ा वर्ग वित्त एवं विकास निगम के द्वारा आशा और स्माईल के नाम से योजना प्रारंभ किया जा रहा है। इसके लिए अनुसूचित जाति एवं पिछड़ा वर्ग समूह के कोविड-19 से मृत्यु होने वाले मृतको के परिवार के लोगो से आवेदन 24 जून तक आमंत्रित किया गया है। 

अंत्यावसायी सहकारी विकास समिति के सीईओ श्री मनहरण कोसले ने बताया कि परिवार का मुखिया जो परिवार का पालन पोषण करता था, कि मृत्यु करोना से हो गई है, तो उनके तुरंत बाद उस परिवार का पालन पोषण करने वाले व्यक्ति के लिये ऋण उपलब्ध कराया जाना है। योजना अंतर्गत व्यवसाय प्रारंभ करने के लिए अधिकतम 5लाख रूपये तक ऋण दिया जाएगा, जिसमें 20 प्रतिशत पूंजीगत अनुदान शामिल होगा। आवेदन हेतु पात्रता एवं शर्तों के बारे में बताया गया कि आवेदक को जिले का मूल निवासी होने का प्रमाण पत्र सक्षम राजस्व अधिकारी द्वारा जारी किया गया हो प्रस्तुत करना होगा।

जाति संबंधी प्रमाण पत्र सक्षम राजस्व अधिकारी द्वारा जारी किया गया हो प्रस्तुत करना होगा। वार्षिक आय 3 लाख से अधिक न हो। मृतक की आयु 18 वर्ष से 60 वर्ष के बीच होनी चाहिये।मृतक के संबंध में मृत्यु प्रमाण पत्र सक्षम अधिकारी द्वारा जारी किया गया हों। आवेदक की आयु 18 वर्ष से 50 वर्ष के बीच होनी चाहिये।  आवेदक मृतक का निकट रिश्तेदार होना चाहिये, जो परिवार का पालन पोषण करेंगा।

गरियाबंद : जिला अंत्यावसायी सहकारी विकास समिति गरियाबंद द्वारा आशा एवं स्माईल योजना के तहत स्वरोजगार हेतु 05 लाख रूपये तक की ऋण सुविधा उपलब्ध कराई जायेगी। जिले में कोरोना वायरस से दिवंगत अनुसूचित जाति एवं पिछड़ा वर्ग के लोगों के आश्रितों से स्वरोजगार हेतु 25 जून 2021 तक आवेदन आमंत्रित की गयी है। योजना अंतर्गत आवश्यकता आधारित स्वरोजगार गतिविधि शुरू करने हेतु आवेदक को 5 लाख रूपये की सीमा  प्रति यूनिट तक ऋण उपलब्ध कराया जायेगा।

इस ऋण में परियोजना लागत का 20 प्रतिशत कैपिटल क्रेडिट लिंक्ड सब्सिडी भी दी जायेगी। कार्यपालन अधिकारी से मिली जानकारी अनुसार योजना से लाभान्वित होने आवेदक की पात्रता निम्नानुसार है – जिस व्यक्ति की कोविड-19 से मृत्यु हुई वह परिवार का कमाने वाला व्यक्ति था। मृतक की आयु 18 से 60 वर्ष के बीच होनी चाहिये अर्थात रोटी कमाने वाले की मृत्यु हुई हो। रोटी कमाने वाला से आशय जिसकी आय कुल घरेलु आय में सबसे अधिक अनुपात में योगदान करती है।

अनुसूचित जाति/पिछड़ा वर्ग समुदाय के सदस्य। आवेदक के परिवार की वार्षिक आय 3 लाख तक होनी चाहिये। कोविड-19 द्वारा रोटी कमाने वाले की मृत्यु के प्रमाण के रूप में स्वीकार्य दस्तावेज। आवेदक जिले का मूल निवासी हो। उक्त योजना से लाभ लेने के इच्छुक आवेदक संयुक्त जिला कार्यालय गरियाबंद के कक्ष क्रमांक 37 में स्थित कार्यालय जिला अंत्यावसायी सहकारी विकास समिति में संपर्क कर सकते है।

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KR. MAHI

CHIEF EDITOR KAROBAR SANDESH

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