ब्यूटी पार्लर चमकते भविष्य फलते-फूलते स्वरोजगार

रायपुर : महिलाएं हों या पुरुष, आज सभी अपने सुंदर लुक के प्रति सजग नजर आते हैं। खूबसूरत बनने की उनकी ललक को अंजाम दे रहे हैं ब्यूटी पार्लर। जब सभी खूबसूरत नजर आना चाहते हैं तो निश्चित तौर पर ब्यूटी पार्लर और ब्यूटीशियन्स का काम भी बड़े पैमाने पर होगा ही। यही वजह है कि ब्यूटीशियन्स की मांग तेजी से बढ़ रही है। आज के फलते-फूलते स्वरोजगारों पर अगर नजर डालें, तो ब्यूटी पार्लर का काम उनमें अलग ही चमकता नजर आएगा। पहले माना जाता था कि महिलाओं के लिए महिला ब्यूटीशियन और पुरुषों के लिए पुरुष ब्यूटीशियन ही होना चाहिए, लेकिन बड़े शहरों और फैशन के बढ़ते ट्रेंड ने इस सीमा को बेमानी बना दिया है। लोगों की पुरानी धारणाएं टूटती जा रही हैं।

एक सर्वे के मुताबिक, भारत में यह काम 20 प्रतिशत साल की दर से बढ़ रहा है। आंकड़े बताते हैं कि ब्यूटीशियन की संख्या के मामले में भारत दूसरे नंबर पर है और यहां के हजारों ब्यूटीशियन विदेशों में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। यही नहीं, भारत के प्रशिक्षित ब्यूटीशियन्स की मांग भी दुनिया भर में बहुत है। आंकड़े यह भी बताते हैं कि जो लोग इस क्षेत्र में नौकरी करते हैं, उनमें से अधिकतर एक या दो साल में अपना काम स्थापित कर लेते हैं, यानी इस क्षेत्र में नौकरी करने की अपेक्षा लोग स्वरोजगार करना पसंद करते हैं।

जहां तक ब्यूटीशियन बनने की बात है, तो ब्यूटीशियन बनना बहुत आसान है, लेकिन एक अच्छा ब्यूटीशियन बनने के लिए आपको प्रशिक्षण से लेकर अच्छी रुचि और अपने को अपडेट रखने की जरूरत पड़ेगी। इसके अलावा ब्यूटीशियन को डिजाइनिंग के हिसाब से सामने वाले को सजाने-संवारने का जितना अनुभव होगा, उसका काम और नाम भी उतना ही होगा।

एक ब्यूटीशियन का काम यूं तो ग्राहकों के हिसाब से उनके चेहरे को खूबसूरत लुक देना होता है, लेकिन चेहरे को खूबसूरत बनाने के पीछे जो प्रक्रियाएं, यानी काम किए जाते हैं, उन्हें अनेक नाम दिए गए हैं। इन कामों में खासतौर पर थ्रेडिंग, ब्लीच, अनेक तरह के फेशियल, फेस पैक, हेड मसाज, बॉडी मसाज, हेयर स्टाइल, कलर व कटिंग आदि, रोलर सेटिंग, आई ब्रो, शैम्पू, मेंहदी, अनेक तरह का मेकअप, नेल केयर और इसी तरह के काम किए जाते हैं। 

ब्यूटी पार्लर खोलने के लिए कम से कम एक औसत दुकान होनी चाहिए। इसके अलावा अगर आप बड़े स्तर पर काम खोलना चाहते हैं तो उसी हिसाब से जगह भी ज्यादा चाहिए। अगर आपके पास दो कमरों की दुकान है, जिसमें एक कमरा दुकान के अंदर पर्दे आदि की आड़ में हो तो आपकी दुकान यानी पार्लर ग्राहकों को ज्यादा आकर्षित करेगा। मोटेतौर पर आपके पास एक ऐसी दुकान होनी चाहिए, जिसमें दो-चार ग्राहकों को सजाने-संवारने के अलावा दो-चार ग्राहकों के बैठने की भी जगह हो। वैसे तो यह काम मार्केट में ज्यादा अच्छा चलता है, लेकिन शहरों में गलियों में भी आजकल ब्यूटी पार्लर खूब चलते हैं।

ब्यूटी पार्लर के लिए जरूरी सामान आपको हर छोटे-बड़े शहर, कस्बे में मिल जाएगा। रायपुर में यह सामान सदर बाजार में सबसे ज्यादा मिलता है। जरूरी सामान में विभिन्न प्रकार की क्रीमें, पाउडर, आई ब्रो लाइनर, ब्लीच, वैक्स पेस्ट, स्टीमर, कर्लिग रॉड, ड्रायर, धागा, कैंचियां, कंघे, दीवारों के लिए शीशे, कुर्सियां, फेशियल बेड, फेशियल ट्रॉली, हॉट एंड कोल्ड कैल्वनिक आदि की जरूरत होती है।

ब्यूटी पार्लर का काम यूं तो चालीस से पचास हजार रुपए में ठीक-ठाक चल सकता है। जगह का खर्च अलग से आएगा। अगर आप बड़े स्तर पर काम शुरू करना चाहते हैं, तो उसी हिसाब से बजट भी अधिक चाहिए। मोटे तौर पर कहें तो एक ठीक-ठाक ब्यूटी पार्लर खोलने के लिए डेढ़ से दो लाख रुपए की जरूरत पड़ेगी। अगर आप कम से कम लागत यानी 40-50 हजार से काम शुरू करते हैं तो शुरुआत में महीने में 10 से 15 हजार रुपए आसानी से कमा सकते हैं। जैसे-जैसे आपका काम बढ़ता जाएगा आमदनी भी बढ़ती जाएगी। अगर आप बड़े स्तर पर काम शुरू करते हैं या अच्छी मार्केट में ब्यूटी पार्लर खोलते हैं, तो 20 से 30 हजार रुपए महीने तक कमा सकते हैं।

ब्यूटी पार्लर का काम खोलने के लिए आप लोन भी ले सकते हैं। लोन के लिए आप अपने स्तर पर या सरकार की विभिन्न योजनाओं के आधार पर आवेदन कर सकते हैं। लोन लेने के लिए आपको बैंक के हिसाब से लोन लेने की औपचारिकताएं पूरी करनी पड़ेंगी। अगर आपने खादी ग्रामोद्योग से ब्यूटीशियन का कोर्स किया है तो आप उसके सर्टिफिकेट पर लोन ले सकते हैं, जिसमें आपको छूट भी मिलेगी। इस योजना के अंतर्गत लोन की सीमा एक लाख से पच्चीस लाख तक है।

ब्यूटीशियन का काम सीखने के लिए आप सर्टिफिकेट या डिप्लोमा में से कोई भी कोर्स कर सकते हैं। आमतौर पर एक माह से एक साल तक के कोर्स विभिन्न संस्थानों में कराए जाते हैं। आप किसी भी संस्थान में जाकर इसका प्रशिक्षण ले सकते हैं। ब्यूटी कोर्स करने के लिए योग्यता के हिसाब से ही आपको संस्थान में प्रवेश मिलेगा। कारण, कुछ संस्थान आठवीं या उससे भी कम पढ़े-लिखे लोगों को प्रशिक्षण दे देते हैं, वहीं कुछ संस्थान दसवीं या बारहवीं पास को ही प्रवेश देते हैं। अत: अगर आप कम पढ़े-लिखे हैं या केवल दसवीं या बारहवीं पास हैं, तो आप इस क्षेत्र में आराम से कदम रख सकते हैं।

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KR. MAHI

CHIEF EDITOR KAROBAR SANDESH

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