नगरीय क्षेत्रों में आवासहीनों को मिलेगा काबिज भूमि का निःशुल्क पट्टा

रायपुर : छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा नगरीय क्षेत्रों में शासकीय भूमि पर 20 अगस्त 2017 से लगातार काबिज आवासहीन व्यक्तियों को शासकीय भूमि का निःशुल्क पट्टा दिया जाएगा। राज्य सरकार के राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा छत्तीसगढ़ के नगरीय क्षेत्रों में आवासहीन व्यक्तियों के लिए पट्टाधृति अधिकार अधिनियम 2023 की अधिसूचना का प्रकाशन छत्तीसगढ़ राजपत्र में कर दिया गया है।

नगर निगम क्षेत्र में आवासहीन व्यक्ति 600 वर्ग फीट तथा नगर पालिका, नगर पंचायत क्षेत्रों में 800 वर्ग फीट से अनधिक शासकीय भूमि के पट्टे के लिए पात्र होंगे, लेकिन जल संरक्षण अधिनियम के प्रावधानों व सर्वोच्च न्यायालय द्वारा पारित निर्णय का पालन सुनिश्चित किया जाएगा। सभी जारी नए पट्टे निःशुल्क होंगे तथा सभी प्रयोजनों के लिए इन्हें रियायती पट्टा माना जाएगा। इस पर नगरीय निकाय, संपत्ति व अन्य कर के विषय में अपनी विधियों के अंतर्गत निर्णय ले सकेगा।

रजिस्टर तथा स्थल योजना तैयार करना – प्राधिकृत अधिकारी, इस अधिनियम के प्रयोजन हेतु प्रत्येक क्षेत्र के लिए प्ररूप-क में एक रजिस्टर तैयार करेगा। प्राधिकृत अधिकारी, क्षेत्र के प्रत्येक कुटुम्ब के अधिभोग के अधीन भू-खण्ड को दर्शाने वाली स्थल योजना तैयार करवाएगा। प्राधिकृत अधिकारी, ऐसे क्षेत्रों का भुवन या मुक्तस्रोत के नक्शे के आधार पर एक ले-आउट तैयार करेगा।

आवासहीन व्यक्ति का रजिस्ट्रीकरण – प्राधिकृत अधिकारी द्वारा प्रत्येक क्षेत्र में प्रत्येक भू-खण्ड का सर्वे कराया जाएगा और उक्त रजिस्टर में, स्वप्रेरणा से, ऐसे प्रत्येक आवासहीन व्यक्ति का मामला पंजीकृत किया जाएगा, जिसके पक्ष में भूमि का, पट्टाधृति अधिकारों के अंतर्गत व्यवस्थापित करने के विषय में विनिश्चय किया जाना है।

भूमि कब्जे के संबंध में सत्यापन – भूमि के कब्जे के संबंध में सत्यापन के लिए आधार दस्तावेज 20 अगस्त 2017 के पूर्व जारी दस्तावेज होंगे। इनमें निर्वाचन आयोग की मतदाता सूची, विद्युत बिल, टेलीफोन बिल, स्थानीय निकाय का संपत्तिकर या समेकित कर पंजी, जलकर भुगतान दस्तावेज, भवन या दुकान अनुज्ञा, अधिनियम के अधीन प्रदत्त पट्टाधृति  पट्टे व आधार या ड्रईविंग लाइसेंस शामिल है।

अतिरिक्त भूमि का व्यवस्थापन – कब्जे की अतिरिक्त भूमि के नियमितीकरण प्रकरणों के संबंध में आवेदन की प्राप्ति पर संयुक्त दल द्वारा प्रत्येक प्रकरण में स्थल का निरीक्षण किया जाएगा। इस संबंध में संयुक्त दल के संतुष्ट होने पर कब्जे की अतिरिक्त भूमि संहिता के अंतर्गत व्यवस्थापन के लिए योग्य है, प्राधिकृत अधिकारी द्वारा संहिता के अनुरूप कार्यवाही सुनिश्चित की जाएगी। निर्धारित सीमा से अधिक भूमि होने पर अतिरिक्त भूमि के व्यवस्थापन नहीं कराए जाने की दशा में व्यवस्थापन नहीं कराए जाने की दशा में अतिरिक्त भूमि का कब्जा छोड़े या हटाए जाने के बाद ही कब्जाधारी को पट्टे की पात्रता होगी, अन्यथा वह अपात्र माना जाएगा।

पट्टा हस्तांतरण नियमितीकरण – अधिनियम के अंतर्गत अवैध, अनियमित पट्टा या कब्जा हस्तांतरण के नियमितीकरण के प्रकरणों के संबंध में इस प्रयोजन के लिए आवेदन या शिकायत की प्राप्ति पर या स्वप्रेरणा से कार्यवाही करते हुए प्राधिकृत अधिकारी संयुक्त दल को सूचित करेगा, जो स्थल निरीक्षण करेंगे, यदि हस्तांतरण किसी ऐसे व्यक्ति के पक्ष में किया गया था, जो आवासहीन नहीं है या अन्यथा अधिनियम के तहत हितग्राही बनने की पात्रता नहीं रखता है तो पट्टे के हस्तांतरण को निरस्त कर दिया जाएगा तथा संबंधित भूमि को कब्जा मुक्त किया जाएगा।

पट्टा भूमि का उपयोग – पट्टा भूमि आवासीय प्रयोजन में उपयोग की जाएगी। यदि पट्टाधारी द्वारा पट्टा भूमि का उपयोग गैर-आवासीय प्रयोजन के लिए किया जाता है, तो पट्टा निरस्त किया जा सकेगा। हालांकि इसके पहले सुनवाई का अवसर दिया।

स्थायी पट्टा 30 साल के लिए होगा – स्थायी पट्टा 30 वर्ष की कालावधि के लिए जारी किया जाएगा। यदि प्राधिकृत अधिकारी इस निष्कर्ष पर पहुंचता है कि लोकहित में कब्जाधारियों का अन्यत्र व्यवस्थापन आवश्यक है तो ऐसे गृहस्थल के अधिभोगियों को उनके अधिभोग के गृहस्थल के लिए अस्थायी पट्टे जारी किए जाएंगे।

कब्जा हटाया जाना – कब्जे की भूमि को लोकहित में खाली कराए जाने की आवश्यता होने पर कलेक्टर की पद श्रेणी से अनिम्न अधिकारी द्वारा लेखबद्ध कारणों सहित लिखित आदेश से पात्र व्यक्तियों का अन्यत्र व्यवस्थापन किया जा सकेगा।

शुल्क – उपरोक्त नियमों के अध्यधीन रहते हुए, सभी जारी नये पट्टे निःशुल्क होंगे एवं समस्त प्रयोजनों के लिए इन्हें रियायती पट्टा माना जाएगा। इस पर नगरीय निकाय, संपत्ति एवं अन्य कर के विषय में अपने विधियों के अंतर्गत निर्णय ले सकेगा।

भूमि के पट्टे का नवीनीकरण – पट्टाधारी द्वारा अधिनियम तथा इन नियमों एव पट्टे की शर्तों का उल्लंघन नहीं करने तथा नगरीय निकाय की समस्त देनदारियों का सम्यक, भुगतान करने पर, संबंधित भूमि के पट्टे का नवीनीकरण किया जा सकेगा। स्थायी पट्टे की अवधि का विस्तार (नवीनीकरण) 30 वर्षों की अवधि के लिए किया जाएगा। पट्टे का नवीनीकरण करते समय ऐसी अन्य शर्तें भविष्य में जोड़ी सकेंगी, जैसा कि शासन उचित समझे।

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KR. MAHI

CHIEF EDITOR KAROBAR SANDESH

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