250 रुपए से 10 रुपए किलो पर आया टमाटर: सही दाम नहीं मिलने से किसान परेशान
रायपुर : जून में 250 रुपये प्रति किलो बिकने वाला टमाटर अब खुदरा बाजार में 10 से 15 रुपये प्रति किलो पर आ गया है. कीमतें गिरने से किसानों को नुकसान हो रहा है. वहीं, किसानों के मुताबिक इसकी थोक कीमत घटकर 4 से 5 रुपये प्रति किलो पर आ गई है। किसानों का कहना है कि लागत, भाड़ा और मजदूरी भी नहीं निकल पा रही है. इसलिए किसान बाजार में नहीं जाने वाले टमाटरों को फेंक रहे हैं. व्यापारी भी बाजार में बहुत कम आ रहे हैं।
सरकार से निर्यात बढ़ाने की मांग
किसानों की मांग है कि सरकार टमाटर का निर्यात बढ़ाए. भारत से टमाटर बांग्लादेश, नेपाल, संयुक्त अरब अमीरात (यूएई), कतर, सऊदी अरब और ओमान समेत कई देशों में जाते हैं। निर्यात बढ़ने से किसानों को सही कीमत मिलने की उम्मीद है.
टमाटर की कीमतों में गिरावट के मुख्य कारण
1. देश में फिलहाल बाढ़ के हालात नहीं हैं, इसलिए सब्जियों को नुकसान नहीं हो रहा है।
2. टमाटर की नई फसल आ गई है, जो अच्छी हुई है, जिससे कीमतों में गिरावट आई है।
3. सरकार ने नेपाल से टमाटर का आयात किया, इससे भी कीमतों में गिरावट आई।
जुलाई-अगस्त में टमाटर 250 रुपये तक पहुंच गया था
इससे पहले जून में देशभर में भारी बारिश के कारण टमाटर की आवक कम होने से जुलाई-अगस्त में इसकी कीमतें 250 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गई थीं. यहां तक कि कई किसान ऊंचे दामों पर टमाटर बेचकर करोड़पति भी बन गए।
चीन के बाद भारत सबसे बड़ा टमाटर उत्पादक
नेशनल हॉर्टिकल्चर रिसर्च एंड डेवलपमेंट फाउंडेशन के अनुसार, चीन के बाद भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा टमाटर उत्पादक है। यह 7.89 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में लगभग 2 करोड़ टन टमाटर का उत्पादन करता है, जिसकी औसत उपज 25.05 टन प्रति हेक्टेयर है। चीन 56 मिलियन टन उत्पादन के साथ शीर्ष पर है।
2021-22 में भारत में 20 मिलियन टन से अधिक टमाटर का उत्पादन हुआ। यहां मुख्यतः दो प्रकार के टमाटर उगाये जाते हैं। हाइब्रिड और लोकल, मध्य प्रदेश देश का सबसे बड़ा टमाटर उत्पादक राज्य है। इसके बाद आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, तमिलनाडु, ओडिशा और गुजरात हैं।