सरकार ने राष्ट्रीय हल्दी बोर्ड का गठन किया, 2030 तक हल्दी निर्यात को 1 बिलियन डॉलर तक बढ़ाने का लक्ष्य
नई दिल्ली/सूत्र: भारत में मौजूद हल्दी जैसी औषधीय जड़ी-बूटियों के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने कमर कस ली है. सरकार ने 2030 तक ऐसे जड़ी-बूटियों के निर्यात को 1 बिलियन अमेरिकी डॉलर या 8,400 करोड़ रुपये तक बढ़ाने का लक्ष्य रखा है।
राष्ट्रीय हल्दी बोर्ड की स्थापना
निर्यात के इस लक्ष्य तक पहुंचने के लिए आज केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय हल्दी बोर्ड की स्थापना की है. सरकार को उम्मीद है कि भारत 2030 तक 1 अरब डॉलर की हल्दी निर्यात कर सकता है।
तेलंगाना के किसानों की मांग पूरी
मीडिया को जानकारी देते हुए केंद्रीय मंत्री किशन रेड्डी ने कहा कि राष्ट्रीय हल्दी बोर्ड के गठन के फैसले से तेलंगाना के किसानों की लंबे समय से लंबित मांग पूरी हो गई है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि बोर्ड न केवल तेलंगाना बल्कि महाराष्ट्र, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, मिजोरम, असम, गुजरात, ओडिशा और पश्चिम बंगाल में भी किसानों की मदद करेगा।
वर्तमान में हल्दी का कितना निर्यात होता है?
हल्दी के निर्यात को बढ़ाने के लिए, सरकार ने निर्यात को मौजूदा 1,600 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 8,400 करोड़ रुपये या 1 बिलियन अमेरिकी डॉलर प्रति वर्ष (2030 तक) करने की योजना बनाई है।
हल्दी बोर्ड में कौन होगा?
राष्ट्रीय हल्दी बोर्ड में एक अध्यक्ष होगा जिसे केंद्र सरकार द्वारा नियुक्त किया जाएगा। इसके सदस्यों में केंद्र सरकार के आयुष मंत्रालय, फार्मास्यूटिकल्स, कृषि और किसान कल्याण विभाग, वाणिज्य और उद्योग विभाग, तीन राज्यों के वरिष्ठ राज्य सरकार के प्रतिनिधि (रोटेशन के आधार पर), अनुसंधान में शामिल राष्ट्रीय/राज्य संस्थानों के प्रतिनिधि एवं हल्दी किसान और निर्यातक शामिल हैं।
इसके अलावा वाणिज्य विभाग की ओर से एक सचिव की नियुक्ति होगी। आपको बता दें कि हल्दी के विश्व व्यापार में भारत की हिस्सेदारी 62 फीसदी से ज्यादा है. 2022-23 के दौरान, 380 से अधिक निर्यातकों द्वारा 207.45 मिलियन अमेरिकी डॉलर मूल्य के 1.534 लाख टन हल्दी और हल्दी उत्पादों का निर्यात किया गया।