नहीं मिल रहा है लोन तो ये हो सकती हैं वजहें
रायपुर : लोन लेते समय क्रेडिट स्कोर (CIBIL) बहुत मायने रखता है। अच्छा क्रेडिट स्कोर होने पर लोन जल्द मिल जाता है और ब्याज दर के कम रहने की भी संभावना रहती है, लेकिन कई बार अच्छे क्रेडिट स्कोर के बावजूद लोन नहीं मिल पाता है। इसके पीछे कुछ कारण होते हैं। जब भी कोई बैंक या वित्तीय संस्थान को लोन के लिए आवेदन मिलता है, तो वह यह देखता है कि क्या कर्ज लेने वाला समय पर पूरे ब्याज के साथ लोन चुका पाएगा। बैंक या वित्तीय संस्थान कई तथ्यों के जरिए यह बात पता करता है और अगर उसे कोई संदेह होता है, तो लोन में देरी हो सकती है या फिर लोन डील रद्द हो सकती है।
किसी भी लोन आवेदन में मासिक आय (Monthly Income) बहुत अधिक महत्व रखती है। जब भी कोई बैंक कोई लोन आवेदन प्राप्त करता है, तो वह आवेदक की पुनर भुगतान(Repayment) क्षमता का आकलन करता है। यह आकलन मासिक आय, आय के स्रोत की स्थिरता और आश्रितों की संख्या के आधार पर किया जाता है। अगर आपका क्रेडिट स्कोर उच्च है, लेकिन मासिक आय कम है, तो आपके लोन आवेदन के रद्द होने की बहुत अधिक संभावना होती है।
अधिकतर बैंक और वित्तीय संस्थान लोन लेने वाले के लिए कम से कम दो साल के वर्क एक्सपीरियंस की मांग करते हैं। इससे डिफॉल्टर होने का जोखिम कम हो जाता है। वहीं, अगर आप जल्दी-जल्दी जॉब बदल रहे हैं, तो यह एक अस्थिर करियर (Unstable Career) की निशानी होती है। ऐसे लोगों की विश्वसनीयता कम आकी जाती है।
लोन मंजूर करते समय बैंक व वित्तीय संस्थान द्वारा ईएमआई-इनकम रेशियो देखा जाता है। अगर कर्ज लेने वाले का कुल मौजूदा ईएमआई पुनर भुगतान (Repayment) अमाउंट उसकी मासिक आय के 50 फीसद से कम है, तो उसके नए लोन आवेदन के मंजूर होने की संभावना बढ़ जाती है।
कर्ज लेने वाले की उम्र काफी मायने रखती है। बहुत बार 60 साल से अधिक के लोगों का लोन मंजूर नहीं होता है। कई बार तो अपनी रिटायरमेंट आयु के पास आ चुके लोग होम लोन या 15 से 25 साल की अवधि वाला 50 साल से अधिक का लोन लेने के योग्य नहीं होते हैं। बैंक को लगता है कि रिटायर होने के बाद कर्ज लेने वाला ईएमआई (EMI) भरने में समर्थ नहीं होगा।