आसमान पर पहुंचे प्याज के दाम, समझिए महंगे प्याज का पूरा खेल

रायपुर : लोग अभी महंगे टमाटर के बोझ से उबर भी नहीं पाए थे कि प्याज की कीमत ने लोगों को रुलाना शुरू कर दिया। नवरात्र खत्म होने के साथ ही प्याज की कीमत रॉकेट की रफ्तार से बढ़ने लगी है। एक हफ्ते पहले तक जो प्याज 20-25 रुपये प्रति किलो बिक रहा था, वह अब रायपुर में 60-65 रुपये प्रति किलो बिक रहा है अगर हालात ऐसे ही रहे तो आने वाले दिनों में प्याज की कीमत 100 रुपये के पार हो जाएगी। प्याज की बढ़ी कीमत से लोगों में नाराजगी है. लोगों का कहना है कि पिछले काफी समय से टमाटर की बढ़ी कीमतों के कारण घर का बजट बिगड़ गया था, जो अब तक ठीक नहीं हो सका था, अब प्याज की महंगाई ने रुलाना शुरू कर दिया है। आइए आज प्याज की कीमतों में इस बढ़ोतरी के पीछे की वजह को समझने की कोशिश करते हैं।

क्यों बढ़ रही है प्याज की कीमत?

सब्जी विक्रेताओं के मुताबिक बाजार में प्याज की कमी है, जिसका असर इसकी कीमत पर पड़ रहा है. अगले महीने नवंबर-दिसंबर तक बाजार में नया माल आ जाएगा। नया माल आने तक प्याज की कीमतें कम होने की उम्मीद नहीं है। प्याज की आवक कम होने से इसकी कीमत बढ़ती जा रही है. जो प्याज महज एक हफ्ते पहले 20 से 30 रुपये किलो बिक रहा था, वह अचानक 60 रुपये के पार पहुंच गया है। हालात ऐसे हैं कि सरकार की लाख कोशिशों के बावजूद प्याज की कीमत पर लगाम नहीं लग रही है. दिवाली से पहले प्याज की बढ़ती कीमत का असर लोगों के घरेलू बजट पर पड़ने लगा है। हालांकि, उम्मीद है कि विधानसभा चुनाव को देखते हुए सरकार प्याज की कीमत पर काबू पाने के लिए ठोस कदम उठाएगी।

प्याज की फसल में देरी

प्याज की कीमत बढ़ने के पीछे एक वजह इसकी पैदावार पर असर पड़ना है. खराब मौसम का असर प्याज की खेती पर पड़ा है. प्याज का उत्पादन 14,82,000 मीट्रिक टन कम हुआ है, जो वर्ष 2022-23 में 17,41,000 हेक्टेयर था। जबकि वर्ष 2021-22 में यह 19,41,000 हेक्टेयर था. यानी साल दर साल प्याज का उत्पादन घट रहा है। इतना ही नहीं, प्याज की कीमतों में बढ़ोतरी के पीछे एक बड़ी वजह उत्पादन में देरी भी है. प्याज का सबसे ज्यादा उत्पादन महाराष्ट्र में होता है। महाराष्ट्र में खरीफ सीजन के प्याज उत्पादन में एक महीने की देरी हुई। मानसून की बारिश में देरी के कारण खरीफ सीजन का प्याज बाजार में नहीं पहुंच पाया है. इस देरी के कारण प्याज की कीमत में बढ़ोतरी हुई है।

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KR. MAHI

CHIEF EDITOR KAROBAR SANDESH

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