लोग जमकर खा रहे भारत ब्रांड चना दाल, 120 दिन में 25% बाजार पर कब्जा
नई दिल्ली/सूत्र: करीब चार महीने पहले घरेलू बाजार में चना दाल की कीमतों को नियंत्रित करने के लिए केंद्र सरकार द्वारा नियंत्रित की गई भारत ब्रांड चना दाल लोगों को खूब पसंद आ रही है। यही कारण है कि लॉन्च के 120 दिनों के भीतर ही भारत ब्रांड चना दाल ने एक-चौथाई बाजार हिस्सेदारी हासिल कर ली है। अक्टूबर में जारी भारत ब्रांड चना दाल की कीमत 60 रुपये प्रति किलोग्राम है जबकि अन्य ब्रांड की दालें लगभग 80 रुपये प्रति किलोग्राम हैं।
समाचार एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक खुदरा बाजार में ‘भारत’ ब्रांड के तहत बेची जा रही चना दाल घरेलू उपभोक्ताओं के बीच सबसे ज्यादा बिकने वाला ब्रांड बनकर उभरा है। उपभोक्ता मामलों के सचिव रोहित कुमार सिंह ने बुधवार को यह जानकारी देते हुए सूत्रों से कहा कि किफायती होने के कारण उपभोक्ता इस दाल को काफी पसंद कर रहे हैं. सिंह ने कहा, “ग्राहकों की प्रतिक्रिया इतनी अच्छी रही है कि देश के घरों में सभी ब्रांडेड चना दाल की 1.8 लाख टन मासिक खपत में से एक-चौथाई ‘भारत’ ब्रांड चना दाल है।”
2.28 लाख टन दाल की हुई खपत
रोहित कुमार सिंह ने बताया कि बाजार में लॉन्च होने के बाद से अब तक करीब 2.28 लाख टन भारत ब्रांड चना दाल की बिक्री हो चुकी है। शुरुआत में इसे 100 खुदरा केंद्रों के माध्यम से बेचा गया था। फिलहाल 21 राज्यों के 139 शहरों में मौजूद 13,000 बिक्री केंद्रों से लोग भारत ब्रांड चना दाल खरीद रहे हैं। इस कदम से दालों की कीमतों को नियंत्रित करने में मदद मिलेगी, उपभोक्ता मामलों के सचिव ने कहा, “दालों की कीमतें एक समूह के रूप में व्यवहार करती हैं। “चने की कीमतों को नीचे लाने के लिए बफर स्टॉक का उपयोग करने से अन्य दालों की कीमतों पर भी प्रभाव पड़ता है।”
ये बेच रहे हैं भारत ब्रांड दाल
सरकार नेफेड, एनसीसीएफ, केंद्रीय भंडार और पांच राज्य सहकारी समितियों के माध्यम से भारत ब्रांड के तहत चना दाल की खुदरा बिक्री कर रही है। सरकार घरेलू उपलब्धता को बढ़ावा देने और कीमतों पर अंकुश लगाने के उद्देश्य से पिछले कुछ वर्षों से चना सहित विभिन्न प्रकार की दालों का बफर स्टॉक बनाए रख रही है। फिलहाल 15 लाख टन चना सरकारी बफर स्टॉक में है। सचिव ने कहा कि इन एजेंसियों को बफर स्टॉक से कच्चा चना 47.83 रुपये प्रति किलोग्राम की रियायती दर पर इस शर्त के साथ दिया जा रहा है कि खुदरा कीमत 60 रुपये प्रति किलोग्राम से ज्यादा नहीं होनी चाहिए।