गरियाबंद की प्रसिद्ध मड़ई 4 मार्च से शुरू
गरियाबंद : मड़ई-मेला का आयोजन हमारी छत्तीसगढ़ी संस्कृति की पहचान है, ऐसे आयोजन से आपसी प्रेम, भाईचारा और सौहार्द बढ़ता है. इन मडई मेला त्योहारों के माध्यम से आम लोग खुशी व्यक्त करते हैं। तीन साल में एक बार आयोजित होने वाला गरियाबंद मडई 4 मार्च से शुरू होगा। कार्यक्रम का आयोजन बड़ी धूमधाम से किया जाएगा। प्राचीन काल से, मेला ग्रामीणों के लिए अपने रिश्तेदारों से मिलने और आवश्यक वस्तुओं को खरीदने का एक साधन रहा है।
गौरतलब है कि मड़ई में दूर-दराज के ग्रामीण अपने आराध्य देवताओं के साथ शामिल होते हैं। इस प्रसिद्ध मडई मेले में पुजारी, सिरहा, गुनिया, गायता भी पहुंचते हैं। मड़ई-मेले में आसपास के गांवों के देवता शामिल होंगे। दूर-दराज काम पर गए लोग अपने घरों को लौट गए हैं। पूरे सप्ताह उत्सव का माहौल रहता है। इस दौरान आदिवासी संस्कृति को समझने के लिए क्षेत्र के लोग भी शामिल होते हैं. मडई मेले को सफल बनाने के लिए मड़ई विकास समिति, के सभी लोग मिलकर काम करते हैं।
मड़ई के लिए सज गया मीना बाजार और आकाश झूला
गरियाबंद के गांधी मैदान पर मीना बाजार सजाया गया है। फैंटेसी पार्क फन फेयर में आकाश झूला के साथ ही मौत का कुआं आकर्षण का केंद्र रहेगा। इसके अलावा क्राफ्ट बाजार, डिस्को झूला, टोरा-टोरा झूला, मारुति सर्कस, जंपिंग, ब्रेक डांस झूला, ड्रैगन ट्रेन, बच्चों का झूला, वॉटर बोट के अलावा अनेक दुकानें भी सजी हैं।