मुर्गियों के प्रबंधन एवं रोगों के रोकथाम हेतु बताए गए वैज्ञानिक उपाय
सात दिवसीय वैज्ञानिक मुर्गी पालन विषय प्रशिक्षण का समापन
सूरजपुर : सात दिवसीय वैज्ञानिक मुर्गी पालन विषय पर प्रशिक्षण का आयोजन भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद्, नई दिल्ली की आदिवासी उपयोजना सरगुजा के वित्तीय सहयोग से वेटनरी पॉलीटेक्नीक, सूरजपुर में 25 फरवरी से 03 मार्च 2021 किया गया। इस परियोजना के अंतर्गत ग्राम देवीपुर एवं सोनवाही जिला सूरजपुर एवं ग्राम सरगंवा एवं सकालो जिला अंबिकापुर के चार ग्रामों के 100 आदिवासी हितग्राहियों को वैज्ञानिक कुक्कुट पालन विषय पर प्रशिक्षण दिया गया। यह प्रशिक्षण निदेशालय विस्तार दाऊ श्री वासुदेव चंद्राकर कामधेनु विश्वविद्यालय दुर्ग द्वारा वेटनरी पॉलीटेक्नीक सूरजपुर के सहयोग से आयोजित किया गया ।
इस सात दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम के मुख्य अतिथि दाऊ श्री वासुदेव चंद्राकर कामधेनु विश्वविद्यालय दुर्ग के कुलपति डॉ.एनपी. दक्षिणकर एवं कार्यक्रम के अध्यक्ष निदेशक विस्तार डॉ.आरपी.तिवारी एवं समन्वयक वेटनरी पॉलीटेक्नीक डॉ.एसडी. हिरपुरकर वर्चुवल मोड पर उपस्थित रहे। इस समापन समारोह के विशिष्ट अतिथि बिहारी लाल कुलदीप, सदस्य जिला पंचायत, जगलाल सिंह, अध्यक्ष जनपद पंचायत सूरजपुर, मोतीलाल सिंह, सदस्य जनपद पंचायत सूरजपुर, डॉ.एनपी.सिंह, उपसंचालक, पशुचिकित्सा सेवायें, अंबिकापुर उपस्थित रहें। मुख्य अथिति दाऊ श्री वासुदेव चंद्राकर कामधेनु विश्वविद्यालय, दुर्ग के कुलपति डॉ.एनपी. दक्षिणकर ने अपने सम्बोधन में कहा कि इस प्रशिक्षण में सिखाए गये उन्नत एवं वैज्ञानिक मुर्गी पालन के तरीके से प्रशिक्षणार्थियों में कुशलता का विकास हुआ है।
जिससे वे मुर्गी पालन से अधिक आय अर्जित कर पाऐगें। इससे उनकी आजीविका में सुधार होगा। उन्होनें बताया कि आदिवासी समुदाय आदिकाल से ही मुर्गी पालन करता आ रहा है, परंतु वह इसका समुचित लाभ नहीं ले पाता है। इस प्रशिक्षण से उनकी मुर्गी पालन से संबंधित कार्य कुशलता का विकास हुआ है। इस कार्यक्रम के अध्यक्ष निदेशक विस्तार डॉ.आरपी.तिवारी ने अपने उद्बोधन में बताया कि इस सात दिवसीय इस प्रशिक्षण के उपरांत हितग्राहियों मुर्गीपालन से संबंधित चूजे उपकरण एवं कुक्कुट आहार भी प्रदाय किया जायेगा जिससे कि हितग्राही मुर्गीपालन द्वारा स्वरोजगार अर्जित कर अपनी आय में वृद्धि कर सकते है।
प्रशिक्षणार्थियों ने बताया कि उन्हें इस सात दिवसीय प्रशिक्षण में कम लागत में मुर्गी घर के निर्माण, दाना बनाने की विधियां, मुर्गी के उन्नत जर्मप्लाज्म, रोग प्रतिबंधात्मक टीकाकरण, मुर्गी एवं अंडो का भंडारण एवं विपणन, जैव सुरक्षा द्वारा मुर्गी पालन से अधिक आय प्राप्त करने के विभिन्न उपाय बताये गये। वेटनरी पॉलीटेक्नीक सूरजपुर के प्राचार्य डॉ.एके.गौर ने बताया कि इस प्रशिक्षण के दौरान समस्त हितग्राहियों को पूर्णतः प्रायोगिक प्रशिक्षण देने के साथ ही कृषि विज्ञान केंद्र अंबिकापुर एवं बैकुठपुर में भी भ्रमण कराया गया, जिससे उन्हें मुर्गी के रख रखाव का सजीव प्रशिक्षण भी मिल सके।
बिहारी लाल कुलदीप, सदस्य जिला पंचायत, जगलाल सिंह, अध्यक्ष जनपद पंचायत सूरजपुर, मोतीलाल सिंह, सदस्य जनपद पंचायत, सूरजपुर ने अपने उदबोधन में कहा कि सरगुजा संभाग के चयनित ग्रामों के हितग्राहियों को इस सात दिवसीय प्रशिक्षण द्वारा इन्हें मुर्गी पालन में सहायता होगी जिसका लाभ न केवल इनके परिवारों को अपितु समस्त सरगुजा संभाग के लोगों को होगा। जिससे कि अन्य व्यक्ति भी इनसे प्रेरित होकर मुर्गी पालन का कार्य करेगें। परियोजना के मुख्य अन्वेषक डॉ.ओपी. दिनानी ने बताया कि सात दिनों के इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में कुल 100 हितग्राही है जिनमें से 70 हितग्राही महिलायें है।
इस प्रशिक्षण से इनकी आजीविका में सुधार मुर्गी पालन द्वारा हो पायेगा। इस तरह वो कम लागत में अधिक आय अर्जित कर पायेगें। उन्होनें बताया कि मुर्गी पालन कि प्रायोगिक जानकारी एवं क्षेत्र भ्रमण भी करवाया गया जिससे वे मुर्गी पालन को व्यवसाय के रूप में अपनायें। उन्होनें बताया कि इस प्रशिक्षण द्वारा इन्हें मुर्गियों के प्रबंधन एवं रोगो के रोकथाम हेतु वैज्ञानिक उपायें बताए गये जिससे कि इनके लाभ में उत्तरोतर वृद्धि हो सके।
सात दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के डॉ.एके.गौर, डॉ.ओपी.दिनानी, डॉ. अमित गुप्ता, डॉ.केशर परवीन, डॉ.ओपी.पैंकरा, डॉ.दीपक कुमार कश्यप, डॉ.कृष्ण कुमार कुशवाहा एवं पशुधन विकास विभाग डा. निपेन्द्र सिहं, डॉ.विवेक गुप्ता, डॉ ममता शर्मा इत्यादि पशुचिकित्सा अधिकारियों द्वारा दिया गया। इस कार्यक्रम को सफल बनाने हेतु वेटनरी पॉलीटेक्नीक, सूरजपुर के समस्त कर्मचारी एवं पशुचिकित्सा विभाग का सक्रिय योगदान रहा।