पांच साल में जैविक उत्पादों का निर्यात 10 गुना बढ़ाने का लक्ष्य

नई दिल्ली/सूत्र: केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने कहा कि अगले पांच साल में देश के हर जिले में जैविक भूमि और उसके उत्पादों के परीक्षण की व्यवस्था होगी. फिलहाल देश से हर साल करीब सात हजार करोड़ रुपये के जैविक उत्पाद निर्यात किये जाते हैं। इसे बढ़ाकर 70 हजार करोड़ रुपये करना है. फिलहाल वैश्विक स्तर पर यह निर्यात दस लाख करोड़ रुपये का है।

सरकार ने 2030 तक वैश्विक कृषि उपज बाजार में देश की हिस्सेदारी 45 अरब डॉलर से बढ़ाकर 115 अरब डॉलर करने का लक्ष्य रखा है। अमित शाह ने बुधवार 13 मार्च को नई दिल्ली में वर्ल्ड ट्रेड में तीन बहु-राज्य सहकारी समितियों के कार्यालयों का उद्घाटन किया। इनमें इंडियन सीड कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड, नेशनल को-ऑपरेटिव ऑर्गेनिक्स लिमिटेड और नेशनल को-ऑपरेटिव एक्सपोर्ट लिमिटेड शामिल हैं। अत्याधुनिक तकनीक से लैस तीनों भवन 31 हजार वर्गफीट में बनाए गए हैं। इससे किसान और कृषि क्षेत्र का पूरा तंत्र मजबूत होगा।

किसानों की समृद्धि के लिए ऑर्गेनिक उत्पाद जरूरी

अमित शाह ने कहा कि किसानों की समृद्धि, भूमि, जल संरक्षण और स्वास्थ्य के लिए जैविक उत्पाद जरूरी हैं। इन समितियों के माध्यम से जैविक उत्पाद, बीज संरक्षण-संवर्धन और निर्यात बढ़ेगा। निर्यात के लिए बनी समिति से कृषि उत्पादों का निर्यात बढ़ेगा और इससे होने वाला मुनाफा सीधे किसानों के बैंक खाते में जमा होगा। तीन साल में जैविक खेती अपनाने वाले किसानों की संख्या सात गुना बढ़ गई है। बीज कोऑपरेटिव लिमिटेड के लिए पांच साल में 10,000 करोड़ रुपये के कारोबार का लक्ष्य रखा गया है।

किसानों की जरूरतें पूरी करेंगी तीनों समितियां

अमित शाह ने कहा कि तीनों कार्यालयों के उद्घाटन के रूप में बड़े काम का बीजारोपण हो रहा है। शुरुआत में ही सहकारी समितियों में कमियों को दूर करने, दायरा बढ़ाने, टर्नओवर और मुनाफा बढ़ाने और इसे किसानों तक पहुंचाने के लिए गतिविधियों की पहचान की गई। इन समितियों की स्थापना इसी उद्देश्य से की गई थी। इसमें हम सहकारी क्षेत्र के सभी नवाचारों को अनुभव करेंगे और प्राप्त करेंगे। तीनों समितियां किसानों की अलग-अलग जरूरतों को पूरा करने वाली हैं। अमित शाह ने कहा कि नेशनल कोऑपरेटिव एक्सपोर्ट लिमिटेड को समितियों से लगभग सात हजार, ऑर्गेनिक लिमिटेड को पांच हजार और सीड कोऑपरेटिव सोसाइटी को 16 हजार सदस्यता आवेदन प्राप्त हुए हैं, जो काम के दायरे के बारे में बताता है।

किसानों को आर्गेनिक खेती की ओर ले जाना है

उन्होंने कहा कि रासायनिक खाद के प्रयोग से जमीन खराब हो रही है। इसे बचाते हुए किसानों को जैविक खेती की ओर ले जाना होगा। जैविक उत्पादों के संग्रहण, प्रमाणीकरण, परीक्षण, खरीद, भंडारण, प्रसंस्करण, ब्रांडिंग, पैकेजिंग और निर्यात की पूरी श्रृंखला समितियों के माध्यम से काम करेगी। निर्यात समिति कृषि उत्पादों के वैश्विक निर्यात में हमारे देश की हिस्सेदारी बढ़ाएगी और इससे होने वाला मुनाफा सीधे किसानों के बैंक खातों में जमा किया जाएगा। अगले पांच वर्षों में देश का एक भी जिला ऐसा नहीं होगा जहां जैविक भूमि और उत्पादों का परीक्षण नहीं होगा। ऐसी व्यवस्था की गई है कि कम से कम 50 प्रतिशत मुनाफा पैक्सों के माध्यम से सीधा किसान के बैंक अकाउंट में जाए।

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KR. MAHI

CHIEF EDITOR KAROBAR SANDESH

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