रेत श्रमिकों ने की हथखोज रेत खदान चालू करने की मांग
गरियाबंद: गरियाबंद जिले का माइनिंग विभाग हमेशा की तरह इस बार भी चर्चा में है। ताजा मामला जनपद पंचायत फिंगेश्वर के हथखोज पंचायत का है, जहां गुरुवार 21 दिसंबर को हथखोज पंचायत के स्थानीय ग्रामीणों ने जिला मुख्यालय में उपस्थित होकर जिला कलेक्टर के नाम आवेदन सौंपा. आवेदन पत्र के माध्यम से रेत खदान बंद होने से रेत मजदूरों एवं स्थानीय ग्रामीणों में आक्रोश है। उक्त आवेदन में ग्रामीण गरियाबंद जिले में महासमुंद पुलिस द्वारा की गयी कार्रवाई को गलत बता रहे हैं।
स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि ग्राम पंचायत हथखोज में शासन द्वारा स्वीकृत रेत खदान है जो सुबह 06 बजे से शाम 06 बजे तक संचालित होती है, जिसमें ट्रकों में रेत भरने का काम गांव के मजदूरों द्वारा किया जाता है। गांव के मजदूरों को वार्ड के आधार पर रोजगार मिल रहा है। बुधवार 20 दिसंबर को सुबह 09-10 बजे के बीच अचानक महासमुंद पुलिस विभाग रेत खदान पर आया और रैम बनाने का काम कर रहे मजदूरों को पुलिस बल ने डरा धमका कर वहां से भगा दिया, जो कि महासमुंद पुलिस विभाग के कार्यक्षेत्र से बाहर का ऐरिया है, जिससे ग्रामीण काफी डरे और गुस्से में हैं।
ग्रामीणों का कहना है कि गांव में स्वीकृत खदान बंद हो जाती है तो मजूदरों के आगे रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो जाएगा।रेत मजदूरों एवं स्थानीय ग्रामीणों की मांग है कि खदान चालू करायी जाये और रोजगार उपलब्ध कराया जाये।
गौरतलब है कि जिले की रेत रायपुर समेत कई जिलों तक पहुंचती है। यहां रेत की भारी मांग है। क्योंकि महानदी की रेत से बने भवनों की गुणवत्ता बेहतर रहती है। इसलिए यहां के रेत की मांग हर जगह रहती है।