दिल्ली हाट में छत्तीसगढ़ के कृषक उत्पाद का जलवा

कोरिया : भारत सरकार के जनजातीय कार्य मंत्रालय एवं ट्राइबल कोऑपरेटिव मार्केटिंग डेवेलपमेंट फेडरेशन ऑफ इंडिया (ट्राईफेड) के संयुक्त तत्वाधान में 1 फरवरी से 15 फरवरी तक आयोजित ट्राइब्स इंडिया आदि महोत्सव में कोरिया जिले के कृषि उत्पादों ने अपनी अलग पहचान बनाई जिसका परिणाम हुआ कि कोरिया जिले के कुल 2 लाख रूपये के कृषक उत्पादों का विपणन किया गया है।

जिला प्रशासन के सहयोग एवं कृषि विज्ञान केन्द्र के तकनीकी मार्गदर्शन में गठित किसान उत्पादक संगठन, कोरिया एग्रो प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड में सम्मिलित आदिवासी कृषकों से कच्चे कृषि उत्पादों, उद्यानिकी, संगध उत्पादों, मधुमक्खी पालन, देशी गाय का दूध इत्यादि का संग्रहण कर कृषि विज्ञान केन्द्र कोरिया के माध्यम से स्थापित विभिन्न मूल्यवर्धन एवं प्रसंस्करण ईकाईयों में तैयार शुद्ध एवं देशी उत्पादों को सुन्दर आकर्षक पैकिंग में गुणवत्ता प्रमाणिकरण के साथ देश भर से आये नागरिकों के समक्ष प्रदर्शन एवं विक्रय हेतु उपलब्ध कराया गया।

इन उत्पादों में सुगंधित चावल (जीराफुल, रानीकाजल, लोहन्दी, लालू) देशी चावल- (केतकी, छिन्दमौरी, करहनी, खिरासार, नरपती) देशी दाल (अरहर, चना, कुल्थी, मूंग, मसूर इत्यादि) प्राकृतिक शहद- (करंज, जंगली वन तुलसी, सरसों) संगध तेल-(लेमनग्रास, सेट्रोनेला, पामारोजा) लेमनग्रास चायपत्ती, हस्त निर्मित साबुन – (लेमनग्रास एवं सिन्दुर, लेमनग्रास एवं हल्दी, पामारोजा एवं सिन्दुर, पामारोजा एवं हल्दी) अगरबत्ती – (लेमनग्रास एवं सेट्रोनेला) शकरकन्द आटा, देशी गाय का ए-टू घी, सूखा मशरुम, मशरुम पावडर एवं सिन्दूर पाउडर शामिल हैं।

मूल्यवर्धन एवं प्रसंस्करण उत्पादों से कोरिया जिले के कृषकों को न सिर्फ कच्चे उत्पाद का उचित मूल्य प्राप्त हो रहा है, बल्कि उत्पादों को ट्राईफेड, खादी ग्रामोद्योग, हस्त शिल्प विकास बोर्ड इत्यादि के देश भर में स्थित सेल काउन्टर व ऑनलाइन के माध्यम से भी बेचा जा रहा है। वर्तमान में गठित किसान उत्पादक संगठन के द्वारा लगभग 5 से 6 लाख रुपये के उत्पादों की पूर्ति ट्राईफेड, हस्त शिल्प विकास बोर्ड एवं खादी ग्रामोद्योग को की गई है।1-15 फरवरी तक आयोजित आदि महोत्सव में कोरिया जिले के आदिवासी कृषक सम्पत सिंह, शोभनाथ सिंह एवं गयादीन के सहयोग के लिए मूल्यवर्धन एवं प्रसंस्करण उत्पादों की तकनीकी एवं वैज्ञानिक जानकारी देने के लिए कृषि विज्ञान केन्द्र के वैज्ञानिक श्री विजय कुमार, इंजि. कमलेश कुमार सिंह, पांडुरंग बोबडे एवं डोमन सिंह टेकाम भी सम्मिलित हुए है।  

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KR. MAHI

CHIEF EDITOR KAROBAR SANDESH

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