गठिया और मधुमेह के इलाज में उपयोगी मेथी

रायपुर : घर की रसोई में आमतौर पर उपयोग होने वाली मेथी तड़का लगाने के साथ ही कई रोगों के इलाज में भी बहुत उपयोगी है। इसमें कई ऐसे स्वास्थ्यवर्धक गुण पाए जाते हैं, जिससे इसका प्रयोग मसालों के साथ-साथ औषधि के रूप में भी किया जाता है। मेथी के दाने में खूब सारे विटामिन, मिनरल्स और न्यूट्रिएंट्स पाए जाते हैं। मेथी और मेथी के तेल में गांठ को बनने से रोकने के गुण होते हैं। यह गठिया की बीमारी में भी  लाभप्रद है। दरअसल गठिया (अर्थराइटिस) वात दोष के कारण होता है। मेथी में वात को संतुलित करने के गुण पाए जाते हैं। यह गठिया के दर्द को कम करने में मदद करता है।

शासकीय आयुर्वेदिक कॉलेज, रायपुर के सह-प्राध्यापक डॉ. संजय शुक्ला ने बताया कि मेथी के दानों में प्रोटीन, फाइबर, आयरन, पोटेशियम, नियासिन, विटामिन सी के साथ ही कई और पौष्टिक तत्व पाए जाते हैं जो हमारे लिए फायदेमंद होते हैं। इसके अलावा इसमें डाओस्जेनिन नामक यौगिक पाया जाता है जो एस्ट्रोजन/टेस्टेस्टेरॉन हार्मोन को बढ़ाने के लिए फायदेमंद होता है।

आयुर्वेद में बताया गया है कि मेथी अनेक रोगों की दवा भी है। इसके बीजों का प्रयोग मसालों के साथ-साथ औषधि के रूप में किया जाता है। प्रसूता स्त्री को मेथी के लड्डू विशेष रूप से दिए जाते हैं। मेथी और मेथी के तेल में डायबिटीज को नियंत्रित करने और गाँठ को बनने से रोकने के गुण होते हैं। मेथी के दानों के प्रयोग से बालों का झड़ना रोका जा सकता है। इसके लिए 1-2 चम्मच मेथी के दानों को रात भर के लिए भिगो दें। इसे सुबह पीसकर बालों की जड़ों में लगाएं। एक घण्टे बाद बालों को धो लें। सप्ताह में दो से तीन बार लगाने से बालों का गिरना बंद हो जाता है।

असंतुलित भोजन और खानपान के कारण पैदा हुई कब्ज की समस्या में भी मेथी का प्रयोग औषधि के रूप में कर सकते हैं। मेथी में पाए जाने वाले बहुत से गुणों में एक यह भी है कि वह कब्ज की परेशानी में मदद कर सकती है। इसके लिए आप मेथी के पत्तों की सब्जी का प्रयोग कर सकते हैं। इसमें पाया जाने वाला फाइबर आपको कब्ज की समस्या से मुक्ति दिला सकता है। इसके अलावा आप मेथी दानों के पाउडर का प्रयोग कर सकते हैं। एंटी-आक्सीडेंट गुणों के कारण मेथी हृदय रोग के लिए भी लाभकारी है। यह रक्त-संचार को सही रखता है। मेथी में घुलनशील फाइबर होता है जो हृदय रोग के खतरे को घटाता है। हृदय को स्वस्थ रखने के लिए मेथी क्वाथ पीना लाभदायक होता है।

मेथी का नियमित सेवन करने से खून में चीनी की मात्रा नियंत्रित रहती है। एक चम्मच मेथी के दानों का चूर्ण बना लें। इसे रोज सुबह खाली पेट गुनगुने पानी के साथ लें। मेथी के दानों को रोज पानी में भिगो दें। इसे सुबह चबा-चबा कर खाएं। ऊपर से मेथी दाने का पानी भी पी लें।

मेथी का प्राचीन काल से ही खाद्य पदार्थों में डालकर सेवन किया जा रहा है और इसलिए इसे पूरी तरह से सुरक्षित माना गया है। हालांकि, अधिक मात्रा में और लंबे समय तक मेथी का सेवन करने से स्वास्थ्य संबंधी कुछ समस्याएं हो सकती हैं जिनमें मुख्य रूप से पेट दर्द, जी मिचलाना, उल्टी और दस्त आदि शामिल हैं। कुछ लोगों में मेथी रक्त शर्करा को कम करने में प्रभावी रूप से काम करती है। इसलिए इसका अधिक सेवन करने से ब्लड शुगर सामान्य स्तर से कम हो सकता है जो स्वास्थ्य के लिए घातक समस्याएं पैदा कर सकता है। वहीं कुछ लोग मेथी से एलर्जिक हो सकते हैं और मेथी उनके शरीर के संपर्क में आने पर उन्हें एलर्जी संबंधी लक्षण होने लगते हैं। मेथी का औषधीय प्रयोग आयुर्वेद चिकित्सा विशेषज्ञ के मार्गदर्शन और परामर्श में करना चाहिए।

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KR. MAHI

CHIEF EDITOR KAROBAR SANDESH

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