सहजन की खेती, एक बार लगाए तो कई सालों तक कमाएं मुनाफा

रायपुर : लोगों में आयुर्वेद और प्राकृतिक चिकित्सा के प्रति जागरूकता ने औषधीय पौधों की मांग को बढ़ा दिया है। यही कारण है कि लोग आज इन पौधों की खेती और व्यापार करके अच्छा कमा रहे हैं। अगर आपका इरादा भी खेती को अपना पेशा बनाने का है तो आपको सहजन की खेती करनी चाहिए। कम निवेश, कम मेहनत और कम समय में अच्छा रिटर्न देने वाली सहजन की खेती से होने वाले लाभ का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि अब बहुत सी कंपनियां इसकी कॉन्ट्रेक्टे फॉर्मिंग भी करवाने लगी है।

बाजार में सहजन की फलियों और पत्तों की जबरदस्त मांग है। इसी मांग को भुनाने के लिए कंपनियों ने अब सहजन की कॉन्ट्रे क्ट  खेती करवानी शुरू कर दी है। इस पौधे को बंजर भूमि में भी लगाया जा सकता है। साथ ही यह ठंड को भी सहन कर सकता है। साल में दो बार फलियों की खेती करने से इससे आमदनी भी अच्छी होती है। सहजन का पौधा रोपण के दस महीने बाद ही उपज देना शुरू कर देता है और एक बार लगाने के बाद चार साल तक उत्पादन देता है।

सहजन की खेती करना चाहते हैं तो सबसे पहले इसके आधुनिक और अधिक उपज देने वाले बीजों का पता लगाएं। अच्छी किस्म के बीजों से पौधे तैयार करते हैं तो यह बेहतर होगा, एक एकड़ में 540 पौधे लगाए। यदि आप सहजन की खेती में ड्रिप सिंचाई पद्धति से सिंचाई करते हैं तो काफी पानी की बचत होगी। इसकी खेती बंजर भूमि पर भी की जा सकती है। ऐसी जमीन पर पानी का तालाब बनाकर आप ड्रिप विधि से सहजन की खेती कर सकते हैं। पौधे लगाने से पहले गड्ढों में गाय का गोबर या खाद डालें।

सहजन के पेड़ में साल में दो बार फलियां लगती हैं। पहले वर्ष में ही प्रत्येक पौधे से लगभग 40-50 किग्रा सहजन उपलब्ध हो जाता है। जैसे-जैसे पौधा बढ़ता है वजन भी उसी तरह बढ़ता है। पहले साल में आपको 540 पौधों से 200 क्विंटल फलियां आराम से मिल जाएंगी। अगर इन्हें थोक में 15 रुपये किलो में बेचा जाता है तो एक एकड़ से 3 लाख रुपये की कमाई होगी। सहजन की खेती पर पहले साल करीब 50 हजार रुपये खर्च आ जाता हैं। इसके बाद तीन साल के लिए खर्च कम हो जाता क्योंकि पौधे लगाने की कोई जरूरत नहीं हैं।

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KR. MAHI

CHIEF EDITOR KAROBAR SANDESH

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