आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से इन नौकरियों को है सबसे ज्यादा खतरा, रिपोर्ट में हुआ बड़ा खुलासा, देखें पूरी जानकारी

नई दिल्ली/सूत्र: आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) का इस्तेमाल तेजी से बढ़ रहा है। ऐसे बहुत से लोग हैं जिन्हें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के कारण भविष्य में अपनी नौकरी खोने का डर है। अब AI को लेकर एक नई रिपोर्ट सामने आई है। एक नई रिपोर्ट से पता चला है कि विशेष रूप से भारी लिपिक कार्य और वित्त, कानूनी और व्यवसाय प्रबंधन भूमिकाओं वाले व्यवसायों पर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) से सबसे अधिक प्रभावित होने की संभावना है।

सूत्रों के अनुसार यूके शिक्षा विभाग द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार, प्रबंधन सलाहकारों और व्यवसाय विश्लेषकों, लेखाकारों और मनोवैज्ञानिकों के साथ-साथ शिक्षण व्यवसायों को एआई से सबसे अधिक खतरा है। जबकि वित्त और बीमा क्षेत्र किसी भी अन्य क्षेत्र की तुलना में एआई के अधिक संपर्क में हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि एआई के संपर्क में आने वाले अन्य क्षेत्र सूचना-संचार, पेशेवर, वैज्ञानिक, सार्वजनिक प्रशासन और रक्षा और शिक्षा हैं।

हाल ही में आई एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत में जेनरेटिव एआई का सबसे ज्यादा असर अकाउंटिंग पर पड़ेगा। यहां 46 फीसदी काम ऐसे होते हैं जो एआई की मदद से ऑटोमैटिक तरीके से किए जा सकते हैं। रिपोर्ट में बताया गया है कि जेनेरिक एआई में ऑफिस टाइम को 46 फीसदी तक कम कर सकती है। रिपोर्ट के मुताबिक, अकाउंटिंग समेत अन्य नौकरियों में जेनरेटिव एआई का कार्य समय कम किया जा सकता है।

अपनाई ये तकनीक

सरकारी एजेंसी ने कहा कि उसने एक ऐसी पद्धति अपनाई है जिसमें 365 विभिन्न व्यवसायों और उनसे जुड़ी व्यावसायिक और श्रमिक विशेषताओं का विश्लेषण किया गया है। इसकी तुलना 10 सबसे प्रमुख आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस अनुप्रयोगों से की गई ताकि यह पता लगाया जा सके कि एआई का इन क्षेत्रों में कितना प्रभाव है।

शिक्षा विभाग ने कहा, “आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के संपर्क में आने वाले व्यवसायों में अधिक पेशेवर व्यवसाय शामिल हैं, विशेष रूप से लिपिक कार्य, फाइनेंस, कानून और बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन हैं। वहीं वित्त, कानूनी पेशेवरों और यहां तक कि व्यवसाय और संबंधित सहायक भूमिकाएं भी शामिल हैं।” इस सूची में संबंधित नौकरियां क्रमश: 8वें, 9वें और 10वें स्थान पर हैं।

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KR. MAHI

CHIEF EDITOR KAROBAR SANDESH

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