सस्ते में करा सकेंगे घरेलू सामान की रिपेयरिंग, राइट टू रिपेयर फ्रेमवर्क से कंपनियों को जुड़ने के निर्देश
नई दिल्ली/सूत्र: अब कार से लेकर मोबाइल फोन, टीवी, फ्रिज जैसी घरेलू वस्तुओं के खराब होने पर उसकी रिपेयरिंग सस्ते में करा सकेंगे। हाल ही में सरकार उपभोक्ताओं की सुविधा के लिए राइट टू रिपेयर फ्रेमवर्क लेकर आई है और इस फ्रेमवर्क के तहत चार क्षेत्रों से जुड़ी विनिर्माण कंपनियों को उनके उत्पादों और उनमें इस्तेमाल होने वाले पार्ट्स के बारे में विस्तृत जानकारी के साथ-साथ उनके रिपेयर की सुविधा के बारे में बताने के लिए कहा है।
इन चार सेक्टर में उपभोक्ताओं को होगा लाभ
इन चार सेक्टर में कृषि उपकरण, मोबाइल-इलेक्ट्रॉनिक्स, कंज्यूमर ड्यूरेबल्स एवं ऑटोमोबाइल उपकरण शामिल हैं। कृषि क्षेत्र में मुख्य रूप से वॉटर पंप मोटर, ट्रैक्टर पार्ट्स हैं तो मोबाइल-इलेक्ट्रॉनिक्स में मोबाइल फोन, लैपटाप, डाटा स्टोरेज सर्वर, प्रिंटर, हार्डवेयर व सॉफ्टवेयर जैसे उत्पाद मुख्य रूप से शामिल है। कंज्यूमर ड्यूरेबल में टीवी, फ्रिज, गिजर, मिक्सर, ग्राइंडर, चिमनी जैसे विभिन्न उत्पादों को शामिल किया गया है तो ऑटोमोबाइल्स सेक्टर में यात्री वाहन, कार, दोपहिया व इलेक्ट्रिक वाहन शामिल हैं।
ठगी का शिकार होने से बचेंगे ग्राहक
उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय का मानना है कि जब ऐसी वस्तुएं खराब हो जाती हैं तो कई बार उपभोक्ता सही जानकारी के अभाव में उन्हें ठीक कराने के बजाय नई वस्तुएं खरीद लेते हैं। उत्पाद में कौन-कौन से पार्ट्स शामिल हैं, उसकी कीमत क्या है और उसे ठीक कराने में कितना खर्च आएगा, इसकी जानकारी उपभोक्ता को नहीं मिल पाती है। इसलिए बाजार में बैठे मैकेनिक उनसे मरम्मत के नाम पर मनमानी रकम की मांग करते हैं।
उपभोक्ताओं से कंपनी के या बाहर के मिस्त्री यह कह देते हैं कि अब इस उत्पाद की लाइफ खत्म हो गई है, इसे ठीक कराने से अच्छा इसे बदल लेना है जबकि उस उत्पाद को रिपेयर कराकर अगले कई साल तक उसका इस्तेमाल किया जा सकता है। बड़ी कंपनियों के रिपेयर सेंटर के नाम पर कई फर्जी वेबसाइट भी चल रही हैं जहां उपभोक्ता के साथ ठगी तक हो जाती है। इस प्रकार की दिक्कतों को दूर करने के लिए राइट टू रिपेयर फ्रेमवर्क लाया गया है।
इसे भी बताना होगा कंपनी को
उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय की तरफ से हाल ही में सभी आरओ व वाटर फिल्टर निर्माता कंपनियों से कहा गया है कि वे अपने फिल्टर पर विभिन्न भौगोलिक स्थितियों के हिसाब से उपभोक्ताओं को कैंडल के लाइफ के बारे में विस्तृत जानकारी दें। मंत्रालय ने इस बात को महसूस किया कि कैंडल की लाइफ को लेकर वाटर फिल्टर निर्माता कंपनियां कोई स्पष्ट जानकारी नहीं देती हैं और उनके सर्विस सेंटर इसका कई बार गलत फायदा उठाते हैं।
ई-कचरा कम करने में भी मिलेगी मदद
सरकार का मानना है कि मरम्मत की सुविधा आसानी से उपलब्ध होने के कारण लोग तुरंत सामान नहीं बदलेंगे और इससे ई-कचरा भी कम होगा। राइट टू रिपेयर पोर्टल पर कंपनी के कस्टमर केयर के साथ-साथ प्रोडक्ट में शामिल पार्ट्स और उनकी कीमत जैसी चीजों की भी जानकारी होगी। यह ढांचा उपभोक्ता को बेची जाने वाली वस्तुओं के संबंध में पारदर्शिता भी लाएगा। राइट टू रिपेयर पोर्टल पर कंपनी अपने अधिकृत सर्विस सेंटर के साथ-साथ थर्ड पार्टी सर्विस सेंटर की भी जानकारी देगी।