WHO का दावा- कोरोना से जारी आंकड़े से 3 गुना ज्यादा मौतें
नई दिल्ली/सूत्र : दुनिया के कई हिस्सों में कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने गुरुवार को एक रिपोर्ट जारी की है. स्वास्थ्य एजेंसी के मुताबिक, दुनियाभर में कोरोना से करीब डेढ़ करोड़ लोगों की मौत हो चुकी है, जो आधिकारिक तौर पर जारी आंकड़ों से तीन गुना ज्यादा है।
भारत पर नजर डालें तो अनुमान लगाया गया है कि कोरोना से 47 लाख मौतें हुई हैं, जो दुनिया भर में होने वाली मौतों का एक तिहाई और आधिकारिक आंकड़ों से 10 गुना ज्यादा है। डब्ल्यूएचओ में महामारी के दौरान प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष दोनों तरह की मौतें शामिल हैं। ये आंकड़े जनवरी 2020 से दिसंबर 2021 तक के हैं। आधिकारिक आंकड़े दुनिया में सिर्फ 54 लाख मौतों की जानकारी देते हैं।
रिपोर्ट में उन रोगियों की भी गिनती की गई जो महामारी के दौरान परोक्ष रूप से मारे गए। यानी इसमें 95 लाख लोग भी शामिल हैं जो अन्य बीमारियों से पीड़ित थे, लेकिन उन्हें सही समय पर इलाज नहीं मिल सका। डब्ल्यूएचओ के अनुसार, महामारी से पहले भी, दुनिया में हर 10 में से 6 लोगों की मौत नहीं हुई थी।
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने भी मंगलवार को एक रिपोर्ट जारी की थी। सिविल रजिस्ट्रेशन सिस्टम (सीआरएस) 2020 नाम से जारी रिपोर्ट के मुताबिक 2020 में देश में कुल 81.16 लाख लोगों की मौत हुई, इनमें से 45 फीसदी को कोई इलाज नहीं मिला। इलाज के अभाव में अब तक मरने वालों की यह सबसे बड़ी संख्या है। 2019 में यह आंकड़ा देशभर में हुई मौतों का 34.5% था।
डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट के मुताबिक महामारी के दौरान चीन, ऑस्ट्रेलिया, जापान और नॉर्वे जैसे देशों में अप्रत्यक्ष मौतों में कमी आई है। चीन में जहां अभी भी जीरो कोविड पॉलिसी अपनाई जा रही है, वहीं ऑस्ट्रेलिया में सख्त टेस्टिंग और आइसोलेशन का पालन किया जा रहा है। दूसरी ओर, वैज्ञानिकों को अफ्रीका के 54 देशों में से 41 देशों के विश्वसनीय रिकॉर्ड नहीं मिले।
WHO का कहना है कि दुनिया में कोरोना से होने वाली मौतों में से आधी मौते दर्ज नहीं हुई, रिपोर्ट के मुताबिक इस महामारी से देश में करीब 47 लाख लोगों की मौत हुई है. साथ ही सबसे ज्यादा मौतें मई और जून 2021 में कोरोना वेव के पीक के दौरान हुईं।
वहीं भारत सरकार का कहना है कि जनवरी 2020 से दिसंबर 2021 तक देश में सिर्फ 4 लाख 80 हजार मौतें हुई हैं। सरकार को WHO के आंकड़े और मौतों की गिनती के तरीके पर शक है. लेकिन इससे पहले किए गए कई अध्ययनों में कुछ इसी तरह के परिणाम देखने को मिले हैं। डब्ल्यूएचओ का कहना है कि भारत ने नागरिक पंजीकरण प्रणाली (सीआरएस) 2020 के नाम पर जो रिपोर्ट जारी की है, उसका फिलहाल आकलन नहीं किया गया है।