कृषि महाविद्यालय बैकुण्ठपुर का नामकरण कोरिया कुमार डॉ.रामचंद्र सिंहदेव के नाम पर

कोरिया जिले के नागपुर में शासकीय महाविद्यालय और चिरमिरी में उद्यानिकी महाविद्यालय की मंजूरी की घोषणा

रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने आज कोरिया जिले के अपने व्यस्त कार्यक्रम के दौरान जहां जिले के विकास के लिए करोड़ों रूपए की लागत के विकास कार्यों की सौगात दी। वहीं जन आकांक्षाओं के अनुरूप घोषणाएं कर जिलेवासियों का दिल जीत लिया। श्री बघेल ने कृषि महाविद्यालय चेरवापारा परिसर में आयोजित विभिन्न विकास कार्यों के लोकार्पण और भूमिपूजन के कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कृषि महाविद्यालय चेरवापारा बैकुण्ठपुर का नामकरण कोरिया कुमार डॉ. रामचंद्र सिंहदेव के नाम पर करने की घोषणा की। इसी तरह उन्होंने कोरिया जिले के नागपुर में शासकीय महाविद्यालय और चिरमिरी में उद्यानिकी महाविद्यालय की मंजूरी की घोषणा की। नागपुर में महाविद्यालय प्रारंभ करने की मांग भरतपुर-सोनहत के विधायक श्री गुलाब कमरो और चिरमिरी में महाविद्यालय प्रारंभ करने का आग्रह मनेन्द्रगढ़ विधायक श्री विनय जायसवाल ने किया था। 

कृषि महाविद्यालय परिसर में आयोजित इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने जिले के विकास के लिए लगभग 222 करोड़ रूपए की लागत के 210 विकास कार्यों का लोकार्पण और शिलान्यास किया और राज्य सरकार की विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के अंतर्गत 61 हितग्राहियों को 3 करोड़ 23 लाख रूपए की सहायता राशि और हितग्राही मूलक सामग्रियों का वितरण किया। मुख्यमंत्री ने जिले के प्रवास के दौरान जिले के सोनहट विकासखण्ड के ग्राम घुघरा में 40 लाख 19 हजार रूपए और ग्राम पुसला में 22 लाख 84 हजार रूपए की लागत से निर्मित मल्टीयूटीलिटी सेंटर का लोकार्पण किया। श्री बघेल ने सोनहत विकासखण्ड के ग्राम बसवाही में लगभग 20 लाख रूपए की लागत से निर्मित नवीन पंचायत भवन सह-राशन दुकान का लोकार्पण भी किया। 

इन कार्यक्रमों में विधानसभा अध्यक्ष डॉ चरणदास महंत, कृषि मंत्री श्री रविन्द्र चौबे, नगरीय प्रशासन मंत्री एवं कोरिया जिले के प्रभारी मंत्री डॉ शिव कुमार डहरिया और आदिम जाति विकास एवं स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ प्रेमसाय सिंह टेकाम, खाद्य मंत्री श्री अमरजीत भगत, भरतपुर-सोनहत विधायक श्री गुलाब कमरो, बैकुंठपुर विधायक श्रीमती अम्बिका सिंहदेव, मनेंद्रगढ़ विधायक श्री विनय जायसवाल, चिरमिरी की महापौर श्रीमती कंचन जायसवाल भी उपस्थित थीं।

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KR. MAHI

CHIEF EDITOR KAROBAR SANDESH

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