हेल्थ या एनर्जी ड्रिंक बताकर नहीं बेच सकेंगे कोई भी जूस
रायपुर/सूत्र: हेल्थ और एनर्जी ड्रिंक के नाम पर ई-कॉमर्स वेबसाइटों पर कोई जूस नहीं बेचा जाएगा। सरकार ने इसके लिए सख्त गाइडलाइन जारी की है. भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) ने मंगलवार को सभी ई-कॉमर्स खाद्य व्यवसाय ऑपरेटरों (एफबीओ) को अपनी वेबसाइटों पर बेचे जाने वाले खाद्य उत्पादों का उचित वर्गीकरण सुनिश्चित करने का निर्देश दिया। खाद्य नियामक का कहना है कि सही ढंग से सेग्मेंट नहीं करने से उपभोक्ताओं के बीच भ्रम पैदा होता है।
एफएसएसएआई ने अपनी जांच में पाया कि ‘प्रोप्राइटरी फूड’ के तहत लाइसेंस प्राप्त खाद्य उत्पादों को डेयरी-आधारित पेय मिश्रण या अनाज-आधारित पेय मिश्रण या माल्ट-आधारित पेय मिश्रण को निकटतम श्रेणी के तहत ई-कॉमर्स वेबसाइट पर ‘हेल्थ ड्रिंक’, ‘एनर्जी ड्रिंक’ आदि की श्रेणी में बेचा जा रहा है। इसका मतलब है कि अनाज या माल्ट पेय उत्पाद को हेल्थ या एनर्जी ड्रिंक के रूप में बेचा जा रहा है, जबकि यह एक अलग श्रेणी होनी चाहिए।
क्या आदेश दिया?
खाद्य नियामक ने कहा, ‘एफएसएसएआई ने स्पष्ट किया है कि हेल्थ ड्रिंक शब्द को एफएसएस अधिनियम 2006 या उसके तहत बनाए गए नियमों/विनियमों के तहत कहीं भी परिभाषित या मानकीकृत नहीं किया गया है। इसलिए, एफएसएसएआई ने सभी ई-कॉमर्स एफबीओ को इस गलत वर्गीकरण को तुरंत हटाने की सलाह दी है।
क्या होते हैं प्रोपराइटरी फूड
आपको बता दें कि प्रॉपराइटरी फूड ऐसे खाद्य पदार्थ हैं जो खाद्य सुरक्षा और मानक (खाद्य उत्पाद मानक और खाद्य योजक) विनियमन में मानकीकृत नहीं हैं। इस सुधारात्मक कार्रवाई का उद्देश्य उत्पादों की प्रकृति और कार्यात्मक गुणों के संबंध में स्पष्टता और पारदर्शिता बढ़ाना है। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना भी है कि उपभोक्ता भ्रामक जानकारी का सामना किए बिना अच्छी तरह से सूचित विकल्प चुन सकें।
क्यों पड़ी आदेश की जरूरत
फूड रेगुलेटर को ऐसे आदेश की जरूरत इसलिए पड़ी है क्योंकि कई ई-कॉमर्स वेबसाइट्स पर ऐसे ड्रिंक्स को हेल्थ ड्रिंक्स और एनर्जी ड्रिंक्स के तौर पर बेचा जा रहा है, जो असल में इस कैटेगरी में नहीं आते हैं। इस पर अंकुश लगाने और उपभोक्ताओं को सही उत्पाद चुनने का विकल्प देने के लिए एफएसएसएआई ने यह आदेश जारी किया है।