जिनकी उंगलियां या आंखें नहीं हैं उनका भी बनेगा आधार कार्ड, केंद्र सरकार ने जारी किया आदेश

नई दिल्ली/सूत्र: अब उन लोगों का भी आधार कार्ड बनेगा जिनकी आंखें या उंगलियां नहीं हैं। सरकार ने शनिवार को कहा कि आधार के लिए पात्र व्यक्ति उंगलियों के निशान उपलब्ध नहीं होने की स्थिति में ‘आइरिस’ स्कैन का उपयोग करके नामांकन कर सकता है। इसी तरह अगर किसी व्यक्ति की आंखों की पुतली स्कैन नहीं की जा सकती तो वह सिर्फ अपने फिंगरप्रिंट का इस्तेमाल कर आधार कार्ड बनवा सकता है।

अब इन लोगों का भी बन सकेगा आधार

उंगली और आईरिस दोनों बायोमेट्रिक्स प्रदान करने में असमर्थ व्यक्ति भी असाधारण नामांकन के तहत आधार नामांकन करवा सकता है। ऐसे व्यक्तियों के लिए, नाम, लिंग, पता और जन्मतिथि/वर्ष उपलब्ध बायोमेट्रिक्स के साथ दर्ज किया जाता है। वहीं, गायब बायोमेट्रिक्स को सॉफ्टवेयर में हाईलाइट कर दिया गया है। तस्वीर दिशानिर्देशों में निर्दिष्ट तरीके से ली गई है, जिसमें उंगलियों या आईरिस या दोनों की अनुपस्थिति को उजागर किया गया है।

आधार नामांकन केंद्र के पर्यवेक्षक को ऐसे नामांकन को असाधारण नामांकन के रूप में सत्यापित करना होगा। इस प्रकार प्रत्येक पात्र व्यक्ति को बायोमेट्रिक्स प्रदान करने में असमर्थता के बावजूद नामांकन प्रक्रिया पूरी करने के बाद आधार नंबर जारी किया जा सकता है।

राजीव चन्द्रशेखर ने दिये निर्देश

दरअसल, केरल की एक विकलांग महिला जोसीमोल पी. जोस आधार के लिए नामांकन नहीं करा सकीं क्योंकि उनकी उंगलियां नहीं हैं। इसकी जानकारी मिलने पर केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने हस्तक्षेप किया और निर्देश दिया कि महिला का नामांकन सुनिश्चित करने के लिए तत्काल कदम उठाए जाएं।

इसके बाद, भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) की एक टीम ने उसी दिन केरल के कोट्टायम जिले के कुमारकम निवासी जोस से उनके घर पर मुलाकात की और उन्हें आधार के लिए नामांकित किया और उनका आधार नंबर भी जारी किया।

चन्द्रशेखर ने कहा कि सभी आधार सेवा केंद्रों से कहा गया है कि धुंधली ‘फिंगरप्रिंट’ या अन्य समान विकलांगता वाले लोगों को वैकल्पिक बायोमेट्रिक्स लेकर आधार जारी किया जाना चाहिए। यूआईडीएआई ने उन कारणों की भी जांच की कि जब जोस ने पहली बार नामांकन किया था तो उन्हें आधार नंबर क्यों जारी नहीं किया गया था। यह पता चला कि यह आधार नामांकन ऑपरेटर द्वारा प्रक्रिया का पालन नहीं करने के कारण था। यूआईडीएआई असाधारण नामांकन के तहत हर दिन लगभग 1,000 लोगों का नामांकन करता है।

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KR. MAHI

CHIEF EDITOR KAROBAR SANDESH

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