छालीवुड की परिकल्पना 300 एकड़ में बनेगी अत्याधुनिक फिल्म सिटी
रायपुर : छत्तीसगढ़ की राजधानी नवा रायपुर में अत्याधुनिक फिल्म सिटी का निर्माण किया जाएगा। फिल्म सिटी में छत्तीसगढ़ी कलाकारों एवं फिल्म से जुड़े लोगों को अभिनय, वादन, गायन, लाईटिंग, साउण्ड आदि का प्रशिक्षण देने की व्यवस्था की जाएगी। कलाकारों को खैरागढ़ स्थित इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय अैर रायपुर के कमला देवी संगीत महाविद्यालय से भी सहयोग मिलेगा।
राज्य सरकार द्वारा छत्तीसगढ़ की कला एवं संस्कृति को प्रोत्साहन दिया जा रहा है। राज्य सरकार छालीवुड की परिकल्पना को मूर्त रूप देने जा रही है। संस्कृति मंत्री श्री अमरजीत भगत ने हाल ही में फिल्म सिटी के प्रस्ताव को लेकर अधिकारियों की बैठक ली थी और उन्हें हैदराबाद एवं मुंबई जाकर फिल्म सिटी का मुआयना करने कहा है। संस्कृति विभाग में फिल्म निर्माण सेल का गठन किया गया है।
नवा रायपुर अटल नगर में फिल्म निर्माण के लिए अलग से फिल्म सिटी बनाई जा रही है। पुरखौती मुक्तांगन के निकट 300 एकड़ में फिल्म सिटी के निर्माण का प्रस्ताव है। संस्कृति विभाग द्वारा फिल्मों के संबंध में नीति का खाका तैयार किया गया है। फिल्म सिटी बनाने से राज्य की बहुरंगी संस्कृति के संरक्षण के साथ यहां के लोक कलाकारों, साहित्यकारों, शिल्पकारों सहित अनेक लोगों को प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलेगा। फिल्म सिटी के बनने से राज्य में फिल्म निर्माताओं को फिल्म निर्माण के लिए अलग-अलग लोकेशन में जाकर फिल्म की शूटिंग नहीं करनी पड़ेगी। एक ही स्थान पर उन्हें सभी सुविधा मिलेगी। छत्तीसगढ़ी फिल्मों की गुणवत्ता बढ़ेगी, वहीं उच्च स्तरीय तकनीकों का उपयोग होगा। इससे इन कलाकारों को सतत रूप से रोजगार मिलेगा।
छत्तीसगढ़ी फिल्म निर्माण को बढ़ावा देने के लिए फिल्म विकास निगम बनाया गया है। इस निगम के माध्यम से राज्य में फिल्म महोत्सवों और कार्यशालाओं के आयोजन से फिल्म से जुड़े लोगों को अपनी प्रतिभा का जौहर दिखाने में मदद मिलेगी। अनेक साहित्यकारों, लेखकों, शिल्पकारों और इवेंट कम्पनियों को भी रोजगार मिलेगा।
फिल्म और सिनेमा उद्योग लोगों के जीवन की नीरसता दूर करने में जहां सहायक हैं, वहीं इस उद्योग से व्यापार और पयर्टन जगत को भी इसका लाभ मिलता है। राज्य में आकर्षक पर्यटक और मनोरम स्थलों की यहां कमी नहीं है। राज्य सरकार द्वारा पर्यटन को बढ़ावा दिया जा रहा है, इससे फिल्म निर्माण उद्योग को भी फायदा होगा। देश-विदेश के फिल्म निर्माताओं को भी छत्तीसगढ़ की नैसर्गिक खूबसूरती को देश के सामने लाने के लिए बड़ा प्लेटफार्म मिलेगा।