Google Play Store विवाद: सरकार ने अपनाया सख्त रुख, कहा- भारतीय ऐप्स को हटाने की नहीं दी जा सकती इजाजत
नई दिल्ली/सूत्र: गूगल प्ले स्टोर पर विवाद लगातार बढ़ता जा रहा है। सरकार ने गूगल द्वारा अपने प्ले स्टोर से कुछ ऐप्स हटाने पर सख्त रुख अपनाते हुए शनिवार, 2 मार्च को कहा कि भारतीय ऐप्स को हटाने की इजाजत नहीं दी जा सकती। सरकार ने इस संबंध में अगले हफ्ते गूगल और संबंधित स्टार्टअप्स को बैठक के लिए बुलाया है।
गूगल ने उठाए थे सख्त कदम
आपको बता दें कि आईटी और टेलीकॉम मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि स्टार्टअप इकोसिस्टम भारतीय अर्थव्यवस्था की कुंजी है और उनके भाग्य का फैसला किसी बड़ी प्रौद्योगिकी कंपनी पर नहीं छोड़ा जा सकता है। मंत्री की टिप्पणी महत्वपूर्ण है क्योंकि गूगल ने शुक्रवार को सेवा शुल्क भुगतान के विवाद पर भारत में अपने प्ले स्टोर से एक लोकप्रिय ‘मैट्रिमोनी’ ऐप सहित कुछ ऐप्स को हटाना शुरू कर दिया है। इन ऐप्स और जाने-माने स्टार्टअप फाउंडर्स ने इस पर आपत्ति जताई थी।
सरकार ने दिया ये बड़ा बयान
इस मुद्दे को गंभीरता से लेते हुए वैष्णव ने कहा, “भारत सरकार की नीति बहुत स्पष्ट है… हमारे स्टार्टअप को वह सुरक्षा मिलेगी जिसकी उन्हें ज़रूरत है।” मंत्री ने कहा कि सरकार इस विवाद को सुलझाने के लिए अगले हफ्ते गूगल और प्ले स्टोर से हटाए गए ऐप्स के डेवलपर्स से मुलाकात करेगी। वैष्णव ने कहा, ”मैं पहले ही गूगल से बात कर चुका हूं… मैंने उन ऐप डेवलपर्स से भी बात की है जिन्हें हटा दिया गया है। हम उनसे अगले सप्ताह मिलेंगे…इस तरह से ऐप को हटाने की अनुमति नहीं दी जा सकती।
क्या है मामला?
उन्होंने कहा कि भारत ने 10 वर्षों में एक लाख से अधिक स्टार्टअप और 100 से अधिक यूनिकॉर्न का एक मजबूत स्टार्टअप इकोसिस्टम बनाया है। मंत्री ने कहा, “युवाओं और उद्यमियों की ऊर्जा को सही दिशा दी जानी चाहिए और इसे बड़ी प्रौद्योगिकी कंपनियों की नीतियों पर नहीं छोड़ा जा सकता है।” इससे पहले गूगल ने शुक्रवार को कहा था कि कई जानी-मानी फर्मों सहित कई कंपनियां उसके ‘बिलिंग’ मानदंडों का उल्लंघन कर रही हैं, ये कंपनियां बिक्री पर लागू प्ले स्टोर सेवा शुल्क का भुगतान नहीं कर रही हैं।
इसके साथ ही गूगल ने चेतावनी दी थी कि वह गूगल प्ले पर ऐसे गैर-अनुपालन वाले ऐप को हटाने में संकोच नहीं करेगी. गूगल ने कहा कि इन डेवलपर को तैयारी के लिए तीन साल से अधिक का समय दिया गया. इसमें उच्चतम न्यायालय के आदेश के बाद दिया गया तीन सप्ताह का समय भी शामिल है। गूगल ने कहा कि इसके बाद अब वह यह सुनिश्चित करने के लिए जरूरी कदम उठा रहा है कि उसकी नीतियां सभी पर समान रूप से लागू हों। कंपनी ने कहा कि जरूरत पड़ने पर गैर-अनुपालन वाले ऐप्स को Google Play से हटाया जा सकता है।
इसके बाद शुक्रवार 01 मार्च को ही शादी डॉट कॉम, मैट्रिमोनी डॉट कॉम, भारत मैट्रिमोनी, बालाजी टेलीफिल्म्स का ऑल्ट, ऑडियो मंच कुकू एफएम, डेटिंग सेवा क्वैक क्वैक और ट्रूली मैडली के ऐप प्ले स्टोर पर सर्च करने पर नहीं मिले. इंफो एज ने बताया कि उसके ऐप भी प्ले स्टोर से हटा दिए गए हैं।