अलसी उत्पादन हेतु एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित
बेमेतरा : कृषि महाविद्यालय एवं अनुसंधान केन्द्र ढोलिया (बेमेतरा) में आज बुधवार को तिलहन और तेल पाम (एन एम ओ ओ पी) राष्ट्रीय मिशन के अंतर्गत अलसी के विपुल उत्पादन एवं प्रसंस्करण प्रोद्योगिकी विषय पर एक दिवसीय प्रशिक्षण का आयोजन किया गया। इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय रायपुर में क्रियान्वित इस मिशन के संचालन के लिए कृषि महाविद्यालय, रायपुर से वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ.बीपी कतलम एवं डॉ.संजय द्विवेदी द्वारा अलसी के उत्पादन, प्रोद्योगिकी एवं कीट के रोकथाम के विषयों पर विशेष परिचर्चा हेतु उपलब्ध रहे।
बेमेतरा ब्लाक में वर्तमान वातावरणीय परिस्थितियों के कारण खरीफ फसलों के आलावा रबी फसल जैसे -गेंहू, मक्का, चना, मटर, मुंग, उड़द एवं तिवड़ा की फसल का रक्बा भी कम हुआ है। मुख्य रूप से चना में बेमौसम बारिश के कारण विशेष नुकसान देखा जा रहा है किंतु अलसी की फसल असामयिक बरसात में भी खड़ी रहती है। इस फसल के स्वास्थ्यवर्धक लाभ होने के कारण यह बहुत महत्वपूर्ण फसल मानी जाती है। इस फसल को कृषक अक्टूबर माह से जनवरी माह तक लगा सकते है। इसी विषय पर परिचर्चा हेतु एक दिवसीय अलसी प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन, कृषि महाविद्यालय में किया गया जिसमें अलसी के उत्पादन एवं प्रसंस्करण से संबधित विभिन्न लाभप्रद जानकारी प्रदान की गई।
कृषि महाविद्यालय एवं अनुसंधान केन्द्र, बेमेतरा में इस प्रशिक्षण में वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख डॉ.जीपी अयाम कृषि विज्ञान केन्द्र बेमेतरा एवं ब्लाक के उपसंचालक कृषि, आर.के.सोलंकी, सहायक संचालक कृषि राकेश शर्मा समेत वरिष्ठ कृषि विस्तार अधिकारी, एवं कृषक मित्र समेत 70 लोगों ने प्रशिक्षण प्राप्त किया गया। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम के शुरूवात में प्रशिक्षणार्थियों के प्रक्षेत्र भ्रमण की व्यवस्था की गई थी। प्रक्षेत्र भ्रमण में प्रशिक्षणार्थियों को अलसी की खड़ी फसल की जानकारी एवं भ्रमण हेतु डॉ.केपी.वर्मा अधिष्ठाता( कृषि महाविद्यालय एवं अनुसंधान केन्द्र, बेमेतरा) एवं संजीव मलैया (प्रक्षेत्र प्रबंधक) उपस्थित रहे। इस कार्यक्रम का संचालन डॉ.प्रीती पैंकरा एवं डॉ.असित कुमार द्वारा किया गया इसके आलावा कृषि महाविद्यालय के समस्त वैज्ञानिक भी प्रशिक्षण में उपस्थित रहे।