क्या है पीएम प्रणाम योजना? किसानों को कैसे होगा फायदा
नई दिल्ली/सूत्र : पीएम प्रणाम योजना को केंद्र सरकार ने हाल ही में हुई कैबिनेट बैठक में मंजूरी दे दी है. इस योजना के माध्यम से सरकार का प्रयास किसानों को रासायनिक उर्वरकों के स्थान पर वैकल्पिक उर्वरकों का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित करना है। इसके लिए सरकार अगले तीन साल में 3 लाख 70 हजार करोड़ रुपये खर्च करने जा रही है।
पीएम प्रणाम योजना का उद्देश्य
पीएम प्रणाम योजना का उद्देश्य देश में रासायनिक उर्वरकों के उपयोग को कम करके खेती में वैकल्पिक उर्वरकों को बढ़ावा देना है। इससे सरकार पर सब्सिडी का बोझ कम होगा और खेती में अन्य उर्वरकों के इस्तेमाल से खेती की गुणवत्ता भी बेहतर होगी. इससे किसानों को भी फायदा होगा क्योंकि इससे खेती की लागत कम हो सकती है। कैबिनेट मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया ने पीएम प्रणाम योजना को लेकर बयान देते हुए कहा था कि जो राज्य रासायनिक उर्वरकों का इस्तेमाल कम करेंगे, उन्हें केंद्र सरकार की ओर से मदद दी जाएगी।
नैनो यूरिया और सल्फर कोटेड यूरिया के इस्तेमाल पर जोर
सरकार की कोशिश इस योजना के जरिए नैनो यूरिया और सल्फर कोटेड यूरिया के इस्तेमाल को बढ़ावा देना है. इसके साथ ही किसानों की आय बढ़ाने के उद्देश्य से सरकार द्वारा जैविक खेती से प्राप्त उत्पादों की मार्केटिंग पर भी जोर दिया जाएगा।
बजट में इसकी घोषणा की गई थी
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की ओर से बजट 2023 पेश करते हुए कृषि में वैकल्पिक उर्वरकों को बढ़ावा देने और रासायनिक उर्वरकों के कम इस्तेमाल पर जोर देने की बात कही गई। वित्त वर्ष 2022-23 में रासायनिक उर्वरकों पर सब्सिडी 2.25 लाख करोड़ रुपये के करीब पहुंचने का अनुमान है. यह 2021-22 में खर्च की गई राशि से 39 फीसदी ज्यादा है।