राजनीतिक दलों में मुफ्त के चुनावी वादों पर आगे निकलने की मची होड़

रायपुर : अगले आम चुनाव से पहले सेमीफाइनल माने जा रहे पांच राज्यों के चुनावों में राजनीतिक दलों के बीच मुफ़्त चुनावी रेवड़ियों से लेकर मुफ़्त वादे करने तक की होड़ मची हुई है। चुनावी सफलता के लिए पार्टियां सरकारी खजाने को नफा-नुकसान की परवाह किए बिना अव्यवहारिक वादे करने की हद तक जाने से भी नहीं कतरा रही हैं।

बीआरएस के घोषणापत्र ने मचा दी नई हलचल

तेलंगाना की सत्ताधारी पार्टी भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) का चुनावी घोषणा पत्र इसका ताजा उदाहरण है, जिसमें महिलाओं, बुजुर्गों और युवाओं को 400 रुपये में गैस सिलेंडर, हर महीने नकद देने से लेकर प्रदेश के सभी नागरिकों को पांच लाख का मुफ्त बीमा देने जैसी घोषणाएं कर रेवड़ियों की होड़ में नई हलचल मचा दी है।

छत्तीसगढ़ और राजस्थान की सरकारें भी पीछे नहीं हैं

तेलंगाना और मध्य प्रदेश में पहले ही लुभावने वादों से सियासी गर्मी बढ़ा चुकी छत्तीसगढ़ और राजस्थान की कांग्रेस सरकारें भी इस रेस में पीछे नहीं हैं, वहीं मध्य प्रदेश में बीजेपी की शिवराज सरकार ने भी तिजोरी खोलने में तनिक भी हिचक नहीं दिखाई है। यह सब तब हो रहा है, जब कर्नाटक में कांग्रेस के ऐसे वादों के कारण विकास योजनाओं पर असर पड़ने की खबरें आम हो गई हैं।

चुनाव आयोग की सलाह का असर नहीं

चुनावी धोखाधड़ी पर सुप्रीम कोर्ट के हालिया रुख और चुनाव आयोग की सलाह का कम से कम पांच राज्यों के चुनावों पर कोई असर पड़ता नहीं दिख रहा है। पिछले सप्ताह मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने राज्य चुनाव कार्यक्रम की घोषणा करते हुए लुभावने वादों से मुंह मोड़ते हुए राजनीतिक दलों के इस कदम को ‘चुनावी तड़का’ करार देते हुए चेतावनी दी थी, लेकिन चुनाव के बाद जारी बीआरएस घोषणापत्र में मुख्यमंत्री के चन्द्रशेखर राव के ऐलान ने तेलंगाना में खोला लुभावने वादों का सबसे बड़ा पिटारा।

तेलंगाना में कांग्रेस 500 रुपये में गैस सिलेंडर, महिलाओं को 2500 रुपये मासिक नकद और मुफ्त बस यात्रा से लेकर किसानों को 15 और 12 हजार रुपये प्रति एकड़ प्रति वर्ष देने जैसे छह बड़ी चुनावी गारंटी के ऐलान से डोलती सत्ता को बचाने के लिए केसीआर ने मुफ्त वादों की नई किस्त का यह दांव चला है। वह गरीब लड़कियों की शादी पर एक तोला सोना, छात्रों को मुफ्त इंटरनेट देने जैसी योजनाओं को अपने घोषणा पत्र में शामिल करने की तैयारी कर रही है।

कांग्रेस ने भी खेला मुफ्त चुनावी वादे का दांव

मध्यप्रदेश में कांग्रेस को सत्ता की वास्तविक उम्मीद दिख रही है, इसे देखते हुए पार्टी ने 100 यूनिट बिजली मुफ्त और 200 यूनिट तक आधी छूट, 500 रुपये में एलपीजी सिलेंडर, 1500 रुपये प्रति महिलाओं, छात्रों से लेकर श्रमिकों आदि को हर महीने कुछ न कुछ देने के वादे के साथ-साथ किसानों का कर्ज माफ करने और पुरानी पेंशन योजना बहाल करने जैसे वादे पहले ही किए जा चुके हैं। इनके साथ ही कांग्रेस के घोषणापत्र में चुनावी वादों की दूसरी किस्त भी आएगी।

बीजेपी भी कांग्रेस से पीछे नहीं

कांग्रेस के इस कदम का जवाब देने के लिए बीजेपी की शिवराज सरकार ने तुरंत लाडली ब्राह्मण योजना के तहत 1500 रुपये की राशि दोगुनी कर दी और महिलाओं को हर महीने 3000 रुपये देना शुरू कर दिया। 450 रुपए में एलपीजी सिलेंडर देने की घोषणा से लेकर छात्रों और युवाओं को भत्ता, मुफ्त लैपटॉप और स्कूटर देने का वादा भी बीजेपी की ओर से शिवराज कर रहे हैं।

गहलोत सरकार ने भी कीं कई घोषणाएं

राजस्थान में कांग्रेस की अशोक गहलोत सरकार ने 500 रुपये में एलपीजी सिलेंडर, 200 यूनिट मुफ्त बिजली, किसानों को 2000 यूनिट मुफ्त बिजली, महिलाओं को मुफ्त स्मार्टफोन, 25 लाख रुपये का चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा और महंगाई से करोड़ों लोगों को राहत दी है। राहत शिविर. जनता को सीधे लाभ पहुंचाने जैसी योजनाओं को लेकर राजनीति गरमा रखी है।

बीजेपी ने चली बड़ी चाल

इस मामले में गहलोत को चुनौती देने के लिए बीजेपी भी अपने चुनावी पिटारे से रंग-बिरंगे और लुभावने वादे निकालने का संकेत दे रही है। छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की भूपेश बघेल सरकार किसान न्याय, गोधन न्याय, से लेकर 2500 रुपये महीने बेरोजगारी भत्ता के साथ राज्य में धान की 2500 रुपये क्विवंटल की खरीद के सहारे सत्ता में वापसी की कोशिश में है। कांग्रेस की योजनाओं के असर का मुकाबला करने के लिए बीजेपी इन दिनों अपने लुभावने वादों को अंतिम रूप देने में जुटी है।

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KR. MAHI

CHIEF EDITOR KAROBAR SANDESH

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