जहरीले छिंद रस से स्वास्थ्य को खतरा: जिले में प्रतिदिन सैकड़ों लीटर की खपत
गरियाबंद/सूत्र: बीते कई वर्षों से गरियाबंद जिले के कई गांवों में स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ कर प्रतिदिन सैकड़ों लीटर जहरीला छिंद रस बेचकर लाखों रुपए कमाए जा रहे हैं। और अपनी काली कमाई का कुछ हिस्सा देकर वे कार्रवाई से बच रहे हैं। जिससे नाराज ग्रामीण एवं जन प्रतिनिधि उच्च स्तर पर शिकायत करने की योजना बना रहें हैं, ताकि अवैध रूप से केमिकल युक्त छिंद रस बेचने वाले कारोबारी के खिलाफ कार्रवाई की जा सके।
यहां बताना लाजिमी होगा कि जिले की गरियाबंद ब्लॉक अंतर्गत ग्राम कस/गंजईपुरी, सड़क परसूली, नवापारा देवभोग ब्लॉक अंतर्गत ग्राम बरही गंगरारपुर बीसीपारा कुमडीकला, झाखरपारा, दीवानमुडा, दर्लिपारा, के साथ मैनपुर ब्लॉक अंतर्गत ग्राम धारिनीधोरा, झरगांव, मूंचबहल, उरमाल, धोबनमाल इसी तरह फिंगेश्वर एवं छुरा ब्लॉक के कई गांवों में आंध्र प्रदेश/ तेलंगाना के लोग निवासरत होकर छिंद रस की तर्ज पर रासायनिक पाउडर को पानी में मिलाकर बेच रहे हैं।
विशेषज्ञों के मुताबिक यह जहरीला छिंद रस सेहत के लिए सबसे खतरनाक माना जाता है क्योंकि जहरीला छिंद रस सीधे छाती पर असर करता है साथ चेहरा पर सूजन की स्थिति बनाती है। छिंद रस सेवन करने वालों के अनुसार, यह 50 रुपये के आधा लीटर पॉलीथिन पैकेट में बेचा जाता है और हर दिन ऐसे हजारों पॉलीथिन पैकेट बेचे जा रहे हैं।
जहरीला छिंद रस बेचने वालों पर कोई बड़ी कार्रवाई नहीं हो सकी। शायद ही वजह है कि कुछ जिम्मेदारों पर चढ़ावा लेकर जहरीला छिंद रस विक्रेताओं को संरक्षण देने का आरोप लगाया जा रहा है। सबसे दुर्भाग्य की बात तो यह है कि छोटे-छोटे स्कूली बच्चे भी इस जहरीले छिंद के रस से अछूते नहीं हैं। छिंद रस बेचने वालों के घर पर ऐसे कई नाबालिग और पढ़ने वाले बच्चे आसानी से देखे जा सकते हैं, जिससे अक्सर अभिभावक भी चिंतित रहते हैं।
कार्रवाई नहीं होने से छिंद रस विक्रेताओं के हौंसले बुलंद हैं। वर्तमान समय में यह व्यवसाय पहले की तुलना में काफी अधिक संख्या में फैल रहा है। कानूनी जानकारों की माने तो 5 लीटर से अधिक छिंद रस के खिलाफ 34-2 के तहत कार्रवाई की जा सकती है, मगर इस तरह की कार्रवाई अब तक सामने नहीं आ पाई हैं।