छत्तीसगढ़ विकास की दौड़ में लगातार आगे: नितिन गडकरी

रायपुर : मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और केन्द्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने आज छत्तीसगढ़ में 9240 करोड़ रूपए लागत की कुल 1017 किलोमीटर लम्बाई की 33 सड़क परियोजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास किया। यह समारोह राजधानी रायपुर के पंडित जवाहरलाल नेहरू मेमोरियल मेडिकल कॉलेज में सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय भारत सरकार तथा भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण द्वारा आयोजित किया गया। 

इन सड़कों के बनने से छत्तीसगढ़ के पड़ोसी राज्यों उड़ीसा, महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, झारखंड, उत्तर प्रदेश से कनेक्टिविटी ज्यादा अच्छी हो जाएगी। प्रदेश के पिछड़े क्षेत्र के लिए सुचारू रोड नेटवर्क विकसित होगा। इससे ईंधन, यात्रा समय, दूरी और कुल परिवहन लागत में बचत होगी। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने समारोह में केन्द्रीय मंत्री गडकरी से छत्तीसगढ़ की विभिन्न सड़क परियोजनाओं की स्वीकृति देने का आग्रह किया। जिस पर गडकरी ने अधिकांश परियोजनाओं को स्वीकृति देने का आश्वासन दिया। मुख्यमंत्री बघेल ने छत्तीसगढ़ की सड़क परियोजनाओं को सहृदयता पूर्वक स्वीकृति प्रदान करने के लिए नितिन गडकरी के प्रति आभार प्रकट किया।

मुख्यमंत्री बघेल ने कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ के तीन मार्गो- रायगढ़-घरघोड़ा-धरमजयगढ़- पत्थल गांव मार्ग, लंबाई 75 किलोमीटर, अंबिकापुर-वाड्रफनगर-बम्हनी-रेनकूट-बनारस मार्ग, लंबाई 110.60 किलोमीटर, पंडरिया-बजाग-गाड़ासरई मार्ग, लंबाई 37 किलोमीटर को भारत माला परियोजना के तहत स्वीकृति प्रदान करने का आग्रह किया, जिस पर केन्द्रीय मंत्री गडकरी ने इन सड़कों को भारत माला परियोजना-2 में शामिल करने का आश्वासन दिया।

बघेल ने राष्ट्रीय राजमार्गों पर जन सामान्य को सुगम एवं सुरक्षित आवागमन सुविधा उपलब्ध कराने की दृष्टि से राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक 30, रायपुर से धमतरी फोरलेन का निर्माण कार्य के तहत राज्य सरकार द्वारा पूर्ण किए गए। रायपुर से शदाणी दरबार तक 10 किलोमीटर हिस्से में सर्विस रोड की स्वीकृति प्रदान करने, रायपुर शहर में टाटीबंध चौक से मैगनेटो मॉल के बीच फ्लाई ओवर निर्माण, राष्ट्रीय राजमार्ग 30 में ग्राम धनेली से विधानसभा, बलौदाबाजार होते हुए सारंगढ़ की ओर जाने वाले मार्ग को एन.एच.53 से जोड़ने तथा विधानसभा से जोरा (एन.एच.53) के इस भाग को राष्ट्रीय राजमार्ग घोषित करने का आग्रह करते हुए कहा कि इससे बिलासपुर से नवा रायपुर, महासमुंद, संबलपुर की ओर जाने के लिए राष्ट्रीय राजमार्ग उपलब्ध हो जाएगा।

केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने समारोह को सम्बोधित करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ लगातार विकास की दौड़ में आगे बढ़ रहा है। अच्छी सड़के किसी भी देश और राज्य की समृद्धि और सम्पन्नता का आधार होती हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के आग्रह पर छत्तीसगढ़ में आरओबी निर्माण के लिए 300 करोड़ रुपये देने की घोषणा करते हुए कहा कि इसके अतिरिक्त आरओबी के लिए वर्ष 2022-23 में छत्तीसगढ़ को 400 करोड़ रुपये देंगे। इस तरह छत्तीसगढ़ में आरओबी के लिए कुल 700 करोड़ रूपए मिलेंगे। उन्होंने बताया कि आरंग पचेरा के पास 200 एकड़ में लॉजिस्टिक पार्क विकसित करने की योजना बनाई गई है। गडकरी  ने कहा कि छत्तीसगढ़ में आयरन और सीमेंट के 118 उद्योग हैं। लॉजिस्टिक सुविधा विकसित होने से उद्योगों का विकास होगा और रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। उन्होंने एन.एच. के करीब लॉजिस्टिक सुविधा उपलब्ध कराने का प्रस्ताव राज्य सरकार को दिया। उन्होंने छत्तीसगढ़ को अपने विभाग की ओर से हर संभव सहयोग देने का आश्वासन दिया।

केन्द्रीय मंत्री गडकरी ने कहा कि यदि एन.एच. की स्वीकृत और निर्माणाधीन विभिन्न सड़क परियोजनाओं के लिए भू-अर्जन और वन क्षेत्रों में अनुमति देने का काम शीघ्रता से किया जाता है, तो छत्तीसगढ़ में वर्ष 2024 तक लगभग एक लाख करोड़ रूपए की सड़कों का निर्माण होगा। उन्होंने यह भी कहा कि आने वाले 5 वर्षों में छत्तीसगढ़ में अमेरिका जैसी सड़कें होंगी। उन्होंने बताया कि केन्द्र सरकार ने एथेनॉल के पंप खोलने की अनुमति दी है। एथेनॉल भविष्य का फ्यूल है। छत्तीसगढ़ में चावल और पैरे से ऐथॉनाल उत्पादन की अच्छी संभावना है। एथेनॉल का उत्पादन होने से किसान अन्नदाता के साथ-साथ ऊर्जादाता भी बनेगा।

गडकरी ने रायपुर-विशाखापट्टनम मार्ग का उल्लेख करते हुए कहा कि भारत माला परियोजना इकोनॉमिक कारीडोर योजना के तहत स्वीकृत इस सड़क परियोजना का कार्य प्रारंभ हो चुका है। आने वाले समय में यह मार्ग छत्तीसगढ़ के विकास का पथ साबित होगा। उन्होंने कहा कि लगभग 16 हजार करोड़ रूपए की लागत की इस परियोजना से रायपुर-विशाखापट्टनम के बीच 200 किलोमीटर कम होगी। इस सड़क के बनने से छत्तीसगढ़ की एक अच्छे बंदरगाह से कनेक्टीविटी हो सकेगी और छत्तीसगढ़ का खनिज देश-दुनिया के विभिन्न हिस्सों में सुगमतापूर्वक पहुंच सकेगा।

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KR. MAHI

CHIEF EDITOR KAROBAR SANDESH

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