न तो क्रिप्टोकरेंसी वैध है और न ही प्रतिबंधित, बजट पर बहस के दौरान दिया जवाब

नई दिल्ली : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि क्रिप्टोकरेंसी न तो अवैध है और न ही प्रतिबंधित। टैक्स सिर्फ कमाई पर लगाया जाता है, इसके अलावा इसका कोई मतलब नहीं है। राज्यसभा में बजट पर बहस के दौरान वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार ने सिर्फ क्रिप्टोकरेंसी के फायदे पर टैक्स लगाया है. बजट में इसके लाभों पर 30% कर का प्रस्ताव किया गया था।

इससे पहले रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के गवर्नर ने निवेशकों को आगाह किया था। शक्तिकांत दास ने कहा कि क्रिप्टोकरेंसी देश की व्यापक आर्थिक और वित्तीय स्थिरता के लिए खतरा है। हालांकि पहले यह माना जाता था कि सरकार टैक्स के जरिए क्रिप्टो को वैध करेगी। लेकिन अब रिजर्व बैंक के बयान के बाद यह मामला खत्म हो गया है।

शक्तिकांत दास पहले ही क्रिप्टो पर कड़ा रुख अख्तियार कर चुके हैं। उनका कहना है कि भारत में क्रिप्टो निवेशकों की संख्या को जानबूझकर बढ़ा-चढ़ाकर बताया गया है, ताकि अधिक से अधिक लोग इसमें शामिल हो सकें। सीतारमण ने कहा कि इस डिजिटल करेंसी पर फैसला उसके सभी पक्षों से विचार-विमर्श कर लिया जाएगा।

उन्होंने कहा कि इस पर बैन लगाना है या नहीं यह तब तय होगा जब मुझे उस तरह की सलाह मिलेगी. उनके बयान पर कांग्रेस नेता शक्ति सिंह गोहिल ने कहा कि आप किसी भी चीज पर टैक्स कैसे ले सकते हैं, अगर वह वैध नहीं है। टैक्स का मतलब है कि क्रिप्टोकरेंसी कानूनी हो रही है। बजट में कहा गया था कि क्रिप्टोकरेंसी से होने वाले लाभ पर कोई रियायत नहीं दी जाएगी और 30% का प्रत्यक्ष कर लगेगा। न ही इसका नुकसान अगले साल दिखाया जा सकता है। यानी 100 फीसदी नुकसान निवेशकों का होगा, जबकि मुनाफे का 30 फीसदी सरकार का होगा।

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KR. MAHI

CHIEF EDITOR KAROBAR SANDESH

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