खुदरा महंगाई 8 साल के उच्चतम स्तर पर, अप्रैल में रिकॉर्ड 7.79 फीसदी पर पहुंची
नई दिल्ली: पेट्रोल-डीजल, एलपीजी, घरेलू प्राकृतिक गैस, सीएनजी, पीएनजी की कीमतों में अप्रैल में बेतहाशा वृद्धि हुई थी। इससे यह आशंका बढ़ गई कि कीमतों में वृद्धि से मुद्रास्फीति को गति मिल सकती है। यह आशंका गुरुवार को पूरी तरह सच साबित हुई जब सरकार की ओर से अप्रैल 2022 के खुदरा महंगाई के आंकड़े जारी किए गए।
गुरुवार को जारी सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) आधारित महंगाई अप्रैल में बढ़कर 7.79 फीसदी हो गई। यह पिछले 8 साल का उच्चतम स्तर है। इससे पहले सितंबर 2014 में खुदरा महंगाई इस स्तर को छू गई थी। इसके चलते पिछले महीने मार्च में भी खुदरा महंगाई दर 6.95 फीसदी तक पहुंच गई थी।
आंकड़ों के मुताबिक अप्रैल में खाने-पीने की चीजों के दामों में भी काफी इजाफा हुआ है. इस महीने खाद्य मुद्रास्फीति मार्च में 7.68 प्रतिशत से बढ़कर 8.38 प्रतिशत हो गई है। उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) में खाद्य मुद्रास्फीति का हिस्सा लगभग आधा है। वैश्विक स्तर पर खाद्य तेल और अनाज की कीमतों में वृद्धि सहित घरेलू स्तर पर फलों और सब्जियों की कीमतों में तेज उछाल का असर खाद्य मुद्रास्फीति पर दिखाई दे रहा है।
रिजर्व बैंक पर महंगाई पर काबू पाने का दबाव बढ़ गया है। रिजर्व बैंक की ओर से आने वाले दिनों में ब्याज दरों में कई दौर की बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है। महंगाई पर लगाम लगाने के लिए रिजर्व बैंक ने इसी महीने रेपो रेट में बढ़ोतरी की थी। रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा था कि अप्रैल में महंगाई बढ़ सकती है।
वित्त वर्ष 2022-23 में महंगाई के उच्च स्तर पर रहने का अनुमान है। इससे पहले वित्त मंत्रालय ने अपनी मासिक आर्थिक समीक्षा रिपोर्ट में कहा था कि सरकार और आरबीआई द्वारा उठाए गए कदमों से ही चालू वित्त वर्ष में महंगाई को कम किया जा सकता है। वित्त मंत्रालय ने कहा है कि वह महंगाई कम करने के लिए कदम उठाएगा।