घटाई जाएं इनकम टैक्स की दरें, भारतीय उद्योग परिसंघ ने बजट के लिए दिए ये सुझाव

नई दिल्ली/सूत्र : भारतीय उद्योग परिसंघ (CII) ने आगामी बजट (Union Budget 2023) के लिए अपना एजेंडा सरकार को सौंप दिया है. इसमें पर्सनल इनकम टैक्स की दरों को कम करने की मांग की गई है. साथ ही अपराध की श्रेणी को जीएसटी कानून के दायरे से बाहर करने और पूंजीगत लाभ कर पर पुनर्विचार करने का अनुरोध किया है. सीआईआई ने जीएसटी कानून को अपराध मुक्त रखने का सुझाव देते हुए कहा है कि इसमें कर चोरी रोकने के लिए पर्याप्त दंडात्मक प्रावधान हैं। उद्योग मंडल के अध्यक्ष संजीव बजाज ने कहा, ‘कैपिटल गेन टैक्स की दरों और होल्डिंग पीरियड पर नए सिरे से नजर डालने की जरूरत है, ताकि जटिलताओं और विसंगतियों को दूर किया जा सके।’

बजाज ने कहा कि इसके अलावा सरकार को अगले चरण के सुधारों में व्यक्तिगत आयकर दरों में कटौती पर भी विचार करना चाहिए। ऐसा करने पर प्रयोज्य आय में वृद्धि होगी, जिससे मांग चक्र में तेजी आएगी। CII ने कहा कि व्यवसायों के लिए फ्लैट टैक्स जारी रहना चाहिए और कॉर्पोरेट टैक्स की दर भी मौजूदा स्तर पर बनी रहनी चाहिए। दूसरी ओर, दीवानी मामलों में, जब तक व्यवसाय में अपराध साबित नहीं हो जाता, तब तक गिरफ्तारी या हिरासत में लेने की कोई कार्रवाई नहीं होनी चाहिए।

चैंबर ने कहा कि राजकोषीय घाटे को 2023-24 तक सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 6 फीसदी और 2025-26 तक 4.5 फीसदी पर लाने के प्रयास किए जाने चाहिए। इसके अलावा 2023-24 में पूंजीगत व्यय मौजूदा 2.9 फीसदी से बढ़ाकर 3.3-3.4 फीसदी किया जाए। वर्ष 2024-25 तक इसे और बढ़ाकर 3.8 से 3.9 प्रतिशत करने का लक्ष्य होना चाहिए।

उद्योग मंडल ने एजेंडे में कहा कि निजी क्षेत्र के निवेश को बढ़ाने की जरूरत है, क्योंकि अकेले सार्वजनिक क्षेत्र का निवेश ही अर्थव्यवस्था में वृद्धि को गति देने के लिए पर्याप्त नहीं है। सोमवार, 21 नवंबर से वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बजट पूर्व बैठकें शुरू करेंगी. परंपरागत रूप से, वित्त मंत्री बजट से पहले विभिन्न हितधारकों के साथ बैठकें करते हैं। वित्त मंत्री सोमवार को उद्योग मंडलों, बुनियादी ढांचा क्षेत्र और पर्यावरण विशेषज्ञों के साथ तीन समूह बैठकें करेंगी।

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KR. MAHI

CHIEF EDITOR KAROBAR SANDESH

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