बेरोजगार युवाओ को दिया जा रहा लाख कि, खेती की प्रशिक्षण
पंकजकुमार/कांकेर : छत्तीसगढ़ राज्य लघु वनोपज संघ के विशेष प्रयास से लाख की खेती को बढ़ावा देने तथा प्रसंस्करण के प्रशिक्षण हेतु कांकेर में राज्य स्तरीय लाख प्रशिक्षण व विस्तार केन्द्र, माकड़ी के निर्माण पश्चात् यहां कई प्रशिक्षण कार्य प्रारंभ किया जा चुका है। इस केन्द्र से स्थापना वर्ष 2013 से अब तक सैकड़ो मास्टर ट्रेनर्स / लाख पालक कृषकों को प्रशिक्षित किया गया है तथा हितग्राहियों के क्षमता विकास के लिये परियोजना स्थल पर भी उन्हें प्रशिक्षित किया जाता है।
लाख विस्तार एवं प्रशिक्षण केंद्र माकडी में दुर्गुकोंदल विकासखंड अंतर्गत अंदरूनी इलाके के युवाओ में दिखी सीखने की ललक। कर सकेंगे खुद का व्यापार। लाख उत्पादन के लिए कांकेर एवं उसके आस-पास का क्षेत्र सर्वोत्तम माना जाता है। लाख का उत्पादन कांकेर, सरोना और नरहरपुर की बांस पत्तर, घोटियावाही, बिहावापरा, भिरौद, शामतरा, मँडराडहा, देव डोंगर, धनेसरा, भैंस मुंडी, देवरी, बुदेली और बाबू साल्हेटोला ग्राम पंचायतों में अधिक होता है। इन क्षेत्रों में पलाश, कुसुम, बेर, खैर, आदि के वृक्ष अधिक पाए जाते हैं जो लाख के कीड़ों के पालन के लिए उपुक्त होते हैं। यहाँ लाख की खेती के लिए केरिया लैक्का नामक कीड़े का उपयोग किया जाता है, जिसकी यहाँ दो नस्लें लोकप्रिय हैं, कुसुमी और रंगीनी।
लाख का उपयोग औषधि निर्माण, खाद्य पदार्थों के संरक्षण, विद्युत कुचालक, वार्निश / पाॅलिस तथा सजावटी एवं श्रृंगार सामग्रियों के निर्माण में किया जाता है। लाख एवं इसके उत्पाद पर्यावरणीय मित्र होने के फलस्वरूप इसके उत्पादन को बढ़ावा दिया जा रहा है।