कृषि क्षेत्र में ‘नैनो क्रांति’ 50 किलो की बोरी में नहीं, छोटी बोतल में आएगा यूरिया
नई दिल्ली: देश में कृषि उत्पादन बढ़ाने और किसानों को बेहतर सुविधाएं देने के लिए केंद्र सरकार ने नैनो यूरिया और नैनो डीएपी को मंजूरी दी है। साथ ही यूरिया की बोरी लादकर शहर से गांव व खेतों में जाने वाले किसानों के दिन अब समाप्त हो जाएंगे। क्योंकि 50 किलो बोरी के बराबर यूरिया एक छोटी बोतल में तरल रूप में उपलब्ध होगा।
केंद्र सरकार ने नैनो यूरिया के बाद नैनो डीएपी को भी मंजूरी दे दी है। केंद्रीय रसायन और उर्वरक मंत्री मनसुख मंडाविया ने इसे उर्वरक क्षेत्र में आत्मनिर्भरता हासिल करने की दिशा में एक कदम बताया और कहा कि इससे किसानों को लाभ होगा. आइए जानते हैं नैनो यूरिया और नैनो डीएपी क्या हैं और इससे किसानों को क्या फायदा होगा?
नैनो डीएपी के लॉन्च होने से किसानों को क्या फायदा – नैनो डीएपी के लॉन्च होने से किसानों को काफी फायदा होगा। क्योंकि अब तक डीएपी बारदानों में उपलब्ध होता रहा है, जिसके परिवहन में किसानों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. लेकिन अब नैनो डीएपी के आने से इतनी ही क्षमता को सिर्फ एक बोतल में लाया जा सकता है। इसकी कीमतों में भी कमी आने की उम्मीद है।
नैनो यूरिया ठोस यूरिया के तरल रूप में ही आता है। इसकी 500 एमएल की बोतल में 40,000 पीपीएम नाइट्रोजन होता है, जो सामान्य यूरिया के एक बैग के बराबर नाइट्रोजन पोषक तत्व प्रदान करता है। ठोस यूरिया की तुलना में नैनो यूरिया कम लागत पर उपलब्ध होता है और इसकी ढुलाई और भंडारण लागत कम होती है।
यह पॉकेट फ्रेंडली और किसानों की आय बढ़ाने में मददगार साबित होगा। इससे लॉजिस्टिक्स और वेयरहाउसिंग की लागत में भी काफी कमी आएगी। पारंपरिक यूरिया की दक्षता लगभग 25% है, तरल नैनो यूरिया की दक्षता 85-90% तक हो सकती है।
इफको के प्रबंध निदेशक यू.एस. अवस्थी ने एक ट्वीट में कहा था कि इफको नैनो डीएपी को कृषि मंत्रालय ने मंजूरी दे दी है और इसके उत्साहजनक परिणामों को देखते हुए इसे उर्वरक नियंत्रण आदेश (एफसीओ) में अधिसूचित किया गया है। अवस्थी ने कहा था कि इफको नैनो डीएपी का निर्माण करेगी जो भारतीय कृषि और अर्थव्यवस्था में गेम चेंजर साबित होगी।
अवस्थी ने पिछले दिसंबर में कहा था कि इफको नैनो 600 रुपये की दर से डीएपी की आधा लीटर की बोतल लॉन्च करेगी। नैनो डीएपी की यह बोतल डीएपी खाद की एक बोरी जितनी असरदार होगी, जिसकी मौजूदा कीमत 1,350 रुपये है। इफको ने पारंपरिक यूरिया के विकल्प के रूप में जून 2021 में नैनो यूरिया भी बाजार में उतारा था।
इफको ने नैनो यूरिया के उत्पादन के लिए उत्तर प्रदेश और गुजरात में संयंत्र स्थापित किए हैं। हालांकि नैनो यूरिया पर सरकार की ओर से किसानों को कोई सब्सिडी नहीं दी जाती है। इसकी कीमत 240 रुपये प्रति बोतल है।