लाभदायक खेती के लिए आधुनिक यंत्रों का उपयोग समय की मांग: डॉ.पाटील

रायपुर : इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय परिसर में मंगलवार को एक दिवसीय तकनीकी एवं यंत्र प्रदर्शन मेला का आयोजन किया गया। तकनीकी एवं यंत्र प्रदर्शन मेले में खेत की जोताई से लेकर फसलों की कटाई एवं गहाई तक में उपयोग होने वाले कृषि यंत्रों एवं उपकरणों की तकनीकी एवं कार्यपद्धति का जीवंत प्रदर्शन किया गया। इस मेले में रायपुर एवं आस-पास के जिलों से आए किसानों ने इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय द्वारा विकसित विभिन्न कृषि यंत्रों एवं उपकरणों की तकनीकी एवं कार्यपद्धति का अवलोकन किया। मेला का उद्देश्य कृषि में यंत्रों के उपयोग को बढ़ावा देना तथा इसके उपयोग के लिए किसानों को प्रेरित करना था।

तकनीकी एवं यंत्र प्रदर्शन

मेला का शुभारंभ कुलपति डॉ. एस.के. पाटील ने किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि कृषि के क्षेत्र में मानव श्रम की उपलब्धता निरंतर घट रही है और पशुचलित तथा ऊर्जाचलित यंत्रों का उपयोग बढ़ रहा है। यह समय की मांग है। किसान बंधु खेती में आधुनिक यंत्रों एवं तकनीकी का उपयोग करके ज्यादा लाभ प्राप्त कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा संचालित नरवा, गरूआ, घुरवा, बाड़ी योजना के तहत गौवंश के संरक्षण एवं संवर्धन के लिए बहुत अच्छा काम हो रहा है। इससे पशुचलित यंत्रों के उपयोग को बढ़ावा मिलेगा।

गौरतलब है कि तकनीकी एवं यंत्र प्रदर्शन मेले का आयोजन भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद द्वारा संचालित विभिन्न अखिल भारतीय समन्वित अनुसंधान परियोजनाओं- प्रक्षेत्र उपकरण एवं यंत्र, पशु ऊर्जा का उपयोग, कटाई उपरांत अभियांत्रिकी एवं प्रौद्योगिकी तथा सिंचाई जल प्रबंधन परियोजनाओं के द्वारा संयुक्त रूप से किया गया। इस मेले में खेती की तैयारी में प्रयुक्त कृषि यंत्रों जैसे हैरो, रोटावेटर, विभिन्न प्रकार के हल, रिजर, पावर टिलर, बीज एवं पौधों की बुआई में प्रयुक्त विभिन्न सीड ड्रिल एवं प्लान्टर, निंदाई-गुडाई में प्रयुक्त होने वाले कृषि यंत्रों जैसे वीडर, पडलर, मल्चर तथा फसलों की कटाई एवं गहाई में प्रयुक्त यंत्रों – हार्वेस्टर, रीपर, थ्रेशर आदि का प्रदर्शन किया गया।

इसके साथ ही खेतों की सिंचाई हेतु उपयोग में आने वाले विभिन्न प्रकार के सिंचाई पंपों को भी प्रदर्शित किया गया। मेले में फसलों के प्रसंस्करण हेतु उपयोग में आने वाले यंत्रों को भी रखा गया था  जिनमें भुट्टे से मक्के के दाने और मूंगफली से दाने निकालने वाले यंत्र शामिल हैं। इस बार मेले में अनेक नवीन विकसित यंत्र भी प्रदर्शित किए गए जिनमें मटर छिलाई यंत्र, चना भाजी तुड़ाई यंत्र, गमला, कंडा, दिया बनाने का यंत्र, ढेंस खुदाई यंत्र, मक्का छिलाई यंत्र आदि शामिल हैं। समारोह को इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के संचालक अनुसंधान डॉ. आर.के. बाजपेयी, निदेशक विस्तार डॉ. एस.सी. मुखर्जी एवं स्वामी विवेकानंद कृषि अभियांत्रिकी महाविद्यालय के अधिष्ठाता डॉ. एम.पी. त्रिपाठी ने भी संबोधित किया।

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KR. MAHI

CHIEF EDITOR KAROBAR SANDESH

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