माइक्रोग्रीन फार्मिंग: इस टेक्नोलॉजी से घर की छत बनेगी सब्जियों की बगिया

रायपुर : अगर आप घर बैठे बिजनेस शुरू करना चाहते हैं तो आज हम आपको एक बेहतरीन आइडिया दे रहे हैं। हम देखते हैं कि अधिकांश लोग अपने घर की छत का उपयोग केवल कपड़े सुखाने आदि के लिए तथा अनावश्यक वस्तुएँ रखने के लिए करते हैं। लेकिन अगर आपके घर की छत पर 500 से 1000 वर्ग फीट जगह है तो आप वहां माइक्रोग्रीन फार्मिंग कर सकते हैं। इसके लिए आपको छत पर मिट्टी की परत चढ़ाने की भी जरूरत नहीं होगी।

आपको बता दें कि आजकल लोग सेहत के प्रति काफी जागरूक हो गए हैं और ऑर्गेनिक फूड को ज्यादा तरजीह देते हैं। लेकिन यह आसानी से कहीं नहीं मिलता। आप इस मौके का फायदा उठा सकते हैं। इस बिजनेस से आप कम खर्च में हर महीने 1 लाख रुपए तक कमा सकते हैं। आप अपनी इच्छा के अनुसार इसे पार्ट टाइम या फुल टाइम शुरू कर सकते हैं।

छत पर कैसे लगेगी सब्जियां?

छत पर खेती की तकनीक को टेरेस फार्मिंग कहा जाता है। घर की छत पर बिना मिट्टी डाले भी आप आसानी से खेती कर सकते हैं। इसके लिए टेबल की ऊंचाई के बराबर कंटेनर में छोटे-छोटे क्यारियां बनाए जाते हैं। आप इनमें माइक्रोग्रीन फार्मिंग कर सकते हैं। इसमें सरसों, गोभी, पालक, मूली, मटर, गोभी समेत 40 तरह की सब्जियां शामिल हैं। इसके बीज आम सब्जियों से अलग होते हैं और उत्पादन भी जल्दी होता है। इन्हें बिना पकाए चटनी, अचार या मसालों के साथ खाया जाता है।

माइक्रोग्रीन खेती के कई फायदे हैं

जर्नल ऑफ एग्रीकल्चर एंड फूड केमिस्ट्री के मुताबिक, माइक्रोग्रीन्स में आम सब्जियों के मुकाबले 40 फीसदी ज्यादा पोषक तत्व और विटामिन होते हैं। यानी ये सेहत के लिए बेहद फायदेमंद होते हैं। 2 से 4 सप्ताह में इनका उत्पादन हो जाता है, जिससे फसल खराब होने का खतरा कम रहता है। साथ ही जमीन से संपर्क नहीं होने के कारण कीड़ों के पनपने की संभावना नहीं रहती है।

पूरी दुनिया में माइक्रोग्रीन्स की मांग बहुत तेजी से बढ़ रही है। स्वास्थ्य को लेकर लोगों की चिंता के कारण भविष्य में इनकी मांग और भी बढ़ने वाली है। बड़े शहरों में रहने वाले हाई प्रोफाइल परिवारों में इसकी डिमांड सबसे ज्यादा है। जब आप इन्हें बाजार में बेचते हैं तो आपको आम सब्जियों की तुलना में ज्यादा कीमत मिलती है। आप ग्रीन वेजिटेबल बॉक्स पैकिंग की मदद से इन्हें और आकर्षक बना सकते हैं। इस तरह आप 1000 स्क्वायर फीट की छत से 1 लाख तक की कमाई कर सकते हैं।

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KR. MAHI

CHIEF EDITOR KAROBAR SANDESH

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